बिहार में बेकाबू कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर नीतीश सरकार ने बड़ा एलान किया है. बिहार सरकार ने राज्य में 15 मई तक कम्पलीट लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया है. इन सब के बीच पटना हाईकोर्ट एक बार फिर से राज्य सरकार को फटकार लगाई है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि बार-बार कोर्ट के आदेश के बावजूद भी बिहार में स्थिति में सुधार नहीं है.
मंगलवार को सुनवाई के दौरान पटना उच्च न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी करते हुए मौखिक रूप से कहा कि 15 अप्रैल से आदेश पर आदेश दिया जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद भी 15 से 30 अप्रैल तक लोगों का मरना बदस्तूर जारी रहा. कोर्ट ने कहा कि सरकार ने क्या किया. बिहार में स्थिति में सुधार नहीं होना शर्म की बात है. कोर्ट ने कहा कि क्यों नहीं पुणे स्थित आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की मदद लें.
राज्य सरकार की असफलता पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी भी जताई. कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर अगली सुनवाई 6 मई को होगी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ को बताया गया कि सरकार ने बुधवार यानि कि 5 मई से 15 मई तक सूबे में लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया है. बताया जा रहा है कि सरकार ने कोर्ट से एक आखिरी मौक़ा मांगा है.
गौरतलब हो कि बीते दिन सोमवार को बिहार में कोरोना संक्रमण के चलते बिगड़ते हालात पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ा एतराज जताया और राज्य सरकार से पूछा था कि लॉकडाउन लगाने की क्या तैयारी है. अदालत ने सरकार से आज जवाब देने को कहा था. कल भी न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह और न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से सरकार के सिस्टम को फ्लॉप बताया और महाधिवक्ता से कहा कि कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार के पास कोई इंतजाम नहीं है. ऐसे में लॉकडाउन लगाने का फैसला क्यों नहीं लिया जा रहा है.
कोर्ट की इस तल्ख़ टिप्पणी के बाद सरकार ने 5 मई से बिहार में लॉकडाउन लगाने का फैसला ले लिया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. नीतीश कुमार ने ट्वीट कर लिखा कि “कल सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ चर्चा के बाद बिहार में फिलहाल 15 मई, 2021 तक लाॅकडाउन लागू करने का निर्णय लिया गया. इसके विस्तृत मार्गनिर्देशिका एवं अन्य गतिविधियों के संबंध में आज ही आपदा प्रबंधन समूह (Crisis management Group) को कार्रवाई करने हेतू निदेश दिया गया है.”
Input: FirstBihar
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