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आर्ट्स की सेकंड टॉपर बनी Shreya, मां को दिया अपनी कामयाबी की श्रेय, कहा- मेरी सबसे बड़ी टीचर है मेरी मां

बिहार बोर्ड 12वीं का रिजल्ट (Bihar Board 12th Result 2022) आ चुका. इस इंटर की परीक्षा में पूरे बिहार में श्रेया कुमारी आर्ट्स स्ट्रीम में सेकेंड पोजिशन पर रही हैं. उन्हें 94.2 प्रतिशत अंक मिले. कटिहार के उमा देवी विद्यालय में श्रेया प्लस टू की छात्रा थीं. आज उनके परिवार में जश्न का माहौल है.

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श्रेया की यह उपलब्धि इसलिए भी और बड़ी हो जाती है कि उन्हें कभी अपने पिता का सपोर्ट नहीं मिल पाया. बीते 10 साल से श्रेया के पिता पारिवारिक विवाद के कारण इन सबसे अलग रहते हैं. खुशी के इस मौके पर पिता की याद आई जैसे सवाल पर श्रेया ने बड़ी बेबाकी से कहा, जरा भी नहीं. बल्कि कभी याद नहीं आई. श्रेया के शब्दों में ‘ममा मेरी शुरू से इंडिपेंडेंट रही हैं. यह मेरे लिए सबसे ज्यादा मोटिवेटिंग फैक्टर रहा. वही मेरे लिए सबसे ज्यादा प्रेरित करनेवाली व्यक्तित्व रहीं’. श्रेया कहती हैं कि सिंगल मदर होते हुए भी मॉम ने मेरी सारी जरूरतें पूरी कीं, कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दीं’.

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श्रेया ने बताया कि उनके 3 मामा हैं और इन तीनों मामाओं का महत्व उसके जीवन में बहुत ज्यादा है. फ्यूचर प्लानिंग पूछने पर वे तपाक से कहती हैं कि फिलहाल तो पॉलिटिकल साइंस में ग्रैजुएशन करने का इरादा है, लेकिन किसी बेहतर यूनिवर्सिटी से. पॉलिटिकल साइंस ही क्यों, कोई दूसरा सब्जेक्ट क्यों नहीं – इस सवाल के जवाब में श्रेया कहती हैं कि पॉलिटिकल साइंस मुझे बेहद पसंद है, मेरे करियर में ये वेब की तरह काम करेगा. वैसे कॉम्बिनेश में मेरे पास सोशियोलजी और ज्योग्रफी भी थे, लेकिन पॉलिटिकल साइंस मेरी पहली पसंद है.

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बातचीत में श्रेया ने स्वीकारा कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत समृद्ध नहीं, लेकिन ऐसा भी नहीं कि उन्हें अभाव का सामना करना पड़ रहा हो. जरूरत के सारे साधन, चीजें सामान्य तरीके से पूरी हो जाती हैं. पिता का साथ न होने पर बचपन में भी कभी कोई कमी नहीं खली, या कभी उनकी याद नहीं आई – इस सवाल पर वे पूरी दृढ़ता से कहती हैं कि हमारे परिवार में ढेर सारे लोग हैं, मॉम बहुत केयरिंग और डेयरिंग हैं, ऐसे में उनकी याद क्यों आती भला, कभी नहीं आई.

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बचपन की कोई ख्वाहिश या ऐसा कोई खिलौना जो आप चाहती हों खरीदना, पर स्थितियां देखकर आपने अपनी इच्छाओं को दबा लिया हो – इस पर वे पूरे परिपक्व तरीके से कहती हैं कि हर के जीवन में ऐसी कोई न कोई कमी होती है. हमें यह समझना होगा कि हर चीज हासिल नहीं हो सकती. हां, ऐसी कुछ चीजें मेरे जीवन में भी रहीं लेकिन वह इतनी पर्सनल हैं कि मैं उन्हें यहां बता नहीं सकती. भविष्य में मुमकिन हुआ तो सारे सपने पूरे हो जाएंगे.

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यह पूछे जाने पर कि बचपन से आज तक के जीवन में कोई ऐसा टीचर जो आपको हमेशा याद आता हो, श्रेया बगैर वक्त लिए बोलती हैं कि बेशक मेरी मॉम. इनसे बेहतर मेरा शिक्षक कौन हो सकता है. जीवन के इतने खूबसूरत पल इन्होंने मुझे दिए, इतनी मजबूती मुझे दी, चीजों को समझने का नजरिया दिया, और तो और 12वीं में ऐसे रिजल्ट की उम्मीद मुझे तो नहीं थी, पर मां को भरोसा था कि मैं बेहतर रैंकिंग लाऊंगी. जाहिर है जो कुछ भी हुआ, या मैं जो कुछ भी हूं वह सिर्फ अपनी मां की बदौलत.

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INPUT: NEWS18

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