AccidentBankBIHARBreaking NewsMUZAFFARPURNationalPATNAPoliticsSTATEUncategorized

विश्व विख्यात है बिहार के सहरसा का उग्रतारा मंदिर, तंत्र साधना के लिए देश-विदेश से आते हैं लोग

बिहार के प्रसिद्ध शक्तिस्थलों में सहरसा जिले के महिषी में अवस्थित उग्रतारा स्थान प्रमुख है। मंडन मिश्र की पत्नी विदुषी भारती से आदिशंकराचार्य का शास्त्रार्थ यहीं हुआ था जिसमें शंकराचार्य को पराजित होना पड़ा था। सहरसा से 16 किलोमीटर दूर इस शक्ति स्थल पर सालों भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है लेकिन नवरात्र के दिनों में और प्रति सप्ताह मंगलवार को यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है।

Sponsored

शक्ति पुराण के अनुसार माहामाया सती के मृत शरीर को लेकर शिव पागलों की तरह ब्रह्मांड में घूम रहे थे। इससे होने वाले प्रलय की आशंका को दखते हुए विष्णु द्वारा माहामाया के मृत शरीर को अपने सुदर्शन से 52 भागों में विभक्त कर दिया गया था। सती के शरीर का जो हिस्सा धरातल पर जहां गिरा उसे सिद्ध पीठ के रूप में प्रसिद्धि मिली। महिषी उग्रतारा स्थान के संबंध में ऐसी मान्यता है कि सती का बायां नेत्र भाग यहां गिरा था।

Sponsored

मान्यता यह भी है कि ऋषि वशिष्ठ ने उग्रतप की बदौलत भगवती को प्रसन्न किया। उनके प्रथम साधक की इस कठिन साधना के कारण ही भगवती वशिष्ठ अाराधिता उग्रतारा के नाम से जानी जाती हैं। उग्रतारा नाम के पीछे दूसरी मान्यता है कि माता अपने भक्तों के उग्र से उग्र व्याधियों का नाश करने वाली है। जिस कारण भक्तों द्वारा इनकों उग्रतारा का नाम दिया गया।

Sponsored

 

 

 

input – daily bihar

Sponsored

Comment here