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बिहारी की बेटी और बहू का कारनामा, BPSC परीक्षा में लहराया परचम, एक साथ बनी दोनों बनी दारोगा

बक्सर की बेटी और बहू ने दारोगा परीक्षा में पाई सफलता ..धनसोई बाजार के जलालपुर निवासी बृज भूषण प्रसाद की पुत्री अंकिता कुमारी ने दरोगा परीक्षा उत्तीर्ण कर इलाके का मान बढ़ाया है. अंकिता ने अपने पिता के सपने को पूरा किया है. मामले का रोचक पहलू यह कि अंकिता ने अपने घर पर ही रह कर सारी तैयारियां की है.

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अंकिता ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के अलावे चाचा धर्मेन्द्र प्रसाद एवं शिक्षकों को देते हुए बताया कि अगर पूरी ईमानदारी एवं लगन के साथ मेहनत किया जाए तो कोई भी मंजिल पाना कठिन नही है. रविवार को उपप्रमुख चाचा धर्मेंद्र प्रसाद एवं ममेरे भाई नागेंद्र कुमार ने अंकिता को मिठाई खिला कर उसका हौसला बढ़ाया. अंकिता की सफलता से उसके घर में हर्ष का माहौल है.

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उसके पिता भी पटना में दारोगा के पद पर कार्यरत है, वही ममेरे भाई नागेंद्र कुमार पीएनबी में अस्सिस्टेंट ब्रांच मैनेजर है. चाचा उपप्रमुख रह चुके है. अंकिता मैट्रिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की लेकिन 70 प्रतिशत अंक मिलने से निराश थी. पिता ने उसका उत्साहवर्धन किया. 2007 में इंटर की परीक्षा प्रथम श्रेणी से 75 प्रतिशत अंक से पास की. ग्रैजुएशन 2012 में बीएससी ऑनर्स गणित से किया. तपश्चात 2016 में पीजी की इस दौरान पूरे वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी, आरा में दूसरा आया था. इसके बाद सब इंस्पेक्टर की मुख्य परीक्षा में सफलता प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. वहीं, चाचा पूर्व उपप्रमुख ने लोगो से अपील की कि सभी लोग बेटियों की शिक्षा पर ध्यान दें. बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं हैं.

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घर की जिम्मेदारी संभालते हुए बहू बनी दरोगा: धनसोई थाना क्षेत्र के समहुता पंचायत के सिसौंधा गांव के रहने वाले शिक्षक रोहित सिंह की बहु स्वीटी कुमारी ने सिपाही से दरोगा का सफर तय किया है. वर्ष 2017 से जेल पुलिस में बतौर सिपाही नौकरी कर रही स्वीटी सहायक अवर निरीक्षक की परीक्षा में सफल हुई. भीखमडेरा गांव निवासी पिता सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि स्वीटी बचपन से ही प्रतिभावान है. स्वीटी ने ससुराल में रहते हुए नौकरी के साथ घर परिवार की जिम्मेवारी को संभालते हुए सफलता अर्जित की है. वर्तमान में वह सासाराम जेल में सिपाही के पद पर कार्यरत हैं लेकिन, उसके सपने बहुत ऊंचे थे. ऐसे में उसने तैयारी जारी रखी और अंतत: उसने परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हुए दारोगा का पद प्राप्त कर लिया.

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input – daily bihar

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