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IIT से पढ़े बिहार के लड़के ने किसानों के लिए बनाया शानदार ऐप, मिलेगी कृषि सलाह भी

कृषि के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. गांवों तक इंटरनेट की पहुंच और हर हाथ में स्मार्ट फोन होने की वजह से टेक्नोलॉजी कंपनियां इस क्षेत्र में नयापान लगाने की कोशिश कर रही हैं. किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए बिहार के एक लड़ने ने इसी तरह का एक प्रयास किया है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), खड़गपुर से पढ़ाई करने वाले राजेश रंजन ने किसानों के लिए एक मोबाइल ऐप तैयार किया है.

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इस ऐप के जरिए किसान अपनी पैदावार के साथ ही पशु, कृषि उपकरण, खाद, बीज, नर्सरी सहित तमाम चीजों की खरीद-बिक्री कर सकते हैं. भारत में अनाज और पशु बिक्री का काम अभी तक असंगठित ही है. इस क्षेत्र में किसानों को ‘मिडिल मैन’ से दो चार होना पड़ता है. इस चक्कर में उन्हें नुकसान होता है और अफनी चीज का उचित दाम नहीं मिलता. इस क्षेत्र को मिडिल मैन से मुक्त करने, पारदर्शिता लाने और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए ही राजेश रंजन ने इस ऐप को बनाया है.

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हिंदी में उपलब्ध है यह ऐप

इस ऐप का नाम है कृषिफाई (Krishify). इसे राजेश रंजन ने आईआईटी खड़गपुर के सीनियर अविनाश कुमार और आईआईटी दिल्ली के मनीश अग्रवाल के साथ मिलकर बनाया है. यहां पर किसान खरीद-बिक्री, जानकारी, कृषि सलाह सहित कई काम अपने भाषा में कर सकते हैं. आने वाले समय में कृषिफाई कई अन्य भारतीय भाषाओं में मौजूद होगा. फिलहाल यह हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध है.

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राजेश रंजन बताते हैं कि मैं खुद एक किसान परिवार से संबंध रखता हूं. मुझे किसानों की असली परेशानियों के बारे में बेहतर पता है. इसी कारण मैं कुछ ऐसा करने की सोच रहा था, जिससे किसानों की मूल समस्या का समाधान हो जाए. वे कहते हैं कि इस ऐप के जरिए किसान अपने अन्य किसान साथी, व्यापारी, वितरक, कृषि उपकरण बेचने वाले और पशु चिकित्सक से संपर्क साध सकते हैं. कृषि कार्य में ट्रांसपोर्टेशन की बड़ी भूमिका है. इसी को ध्यान में रखकर ट्रांसपोर्टेशन सर्विस को भी ऐप के फीचर में शामिल किया गया है.

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30 लाख किसान कर रहे इस्तेमाल

योर स्टोरी की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषिफाई के सीईओ राजेश रंजन कहते हैं कि यहां पर सिर्फ खरीद-बिक्री की सुविधा ही नहीं है. किसान इस ऐप के जरिए बीज, मिट्टी और मौसम से जुड़ी जानकारी भी मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं. गांव में किसान पशु भी पालते हैं. पशुओं के इलाज के लिए यहां पर डॉक्टर भी आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे. हमारी कोशिश किसानों की मूल समस्याओं का हल निकालना है.

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इस ऐप में बीज, कीट रसायन, ट्रैक्टर, पशु, खाद, कृषि उपकरण, सरकारी योजनाएं, खरीद बिक्री और कृषि बाजार जैसे सेक्शन हैं. इसके अलावा कृषिफाई दुकान नाम का एक ऐप है, जहां पर किसान ओएलएक्स की तरह खरीद बेच कर सकते हैं. ऐप में चैटिंग की सुविधा भी दी गई है.

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अभी कृषिफाई ऐप को लॉन्च हुए दो साल ही हुए हैं. इतने कम समय में ही इस ऐप का करीब 30 लाख किसान इस्तेमाल कर रहे हैं. कंपनी के मुताबिक, अक्टूबर में पशु और डेयरी सेक्शन को ऐप में जोड़ने के बाद इसकी प्रसिद्धी में काफी बढ़ोतरी हुई है और यूजर्स की कुल संख्या दोगुनी तक बढ़ गई है.

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input – DTW 24

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