सुल्तानगंज-बांका नई रेल लाइन की 21 साल पुरानी परियोजना के लिए मंगलवार को पेश आम बजट में मात्र हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। देवघर सुल्तानगंज और बांका भीतिया 1 हजार, बरियारपुर-मननपुर योजनाओं के लिए भी हजार-हजार रुपये मिलेंगे।
भागलपुर रेल एरिया की तीन बड़ी रेल परियोजनाओं को निराशा हाथ लगी है। बांका-सुल्तानगंज लंबित रेल परियोजना के अलावा सुल्तानगंज-कटोरिया व बरियारपुर-मननपुर रेल परियोजना के लिए हजार-हजार रुपये का प्रावधान है। लगता है ये तीनों रेल परियोजना रेलवे मंत्रालय की प्राथमिकता में नहीं है। सुल्तानगंज-बांका रेल सेक्शन में अभी जमीन अधीग्रहण का भी काम नहीं हुआ है। वैसे, कुछ परियोजनाओं के लिए अच्छी रकम का भी प्रावधान है। पीरपैंती-जसीडीह रेल परियोजना के लिए 46 करोड़ तो हंसडीहा-गोड्डा सेक्शन को 55 करोड़ दिये गए हैं।
मिथिलांचल में योजनाओं को नहीं मिला आधार
188 किमी लंबा सीतामढ़ी-निर्मली रेलखंड वाया बथनाहा, सोनबरसा, परिहार, सुरसंड, भिठ्ठामोड़ व जयनगर प्रोजेक्ट भी 2008 में शिलान्यास से आगे नहीं बढ़ पाया। 45 किमी के सीतामढ़ी-जनकपुर धाम (नेपाल) वाया बथनाहा रूट भी वर्ष 2017 में चर्चा में आया था, फिलहाल यह ठंडे बस्ते में है। लगभग 48 किमी लंबे मधुबनी-बेनीपट्टी-पुपरी रेलखंड की मांग वर्षों से उठती रही है। पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र ने इस रेलखंड के निर्माण की घोषणा की थी। 1997-98 के रेल बजट में सर्वेक्षण के लिए स्वीकृति प्रदान की गई, उसके बाद के वर्षों में कोई पहल नहीं हुई। करीब 60 किमी कर्पूरीग्राम-ताजपुर-महुआ-भगवानपुर रूट लोग भूल चुके हैं। ललित नारायण मिश्र के समय में ही यह प्रस्ताव आया था। रामविलास पासवान व लालू प्रसाद के समय में सर्वेक्षण कर कुछ जगहों पर पिलर भी गाड़े गए। वे अब नहीं दिखते हैं। फंड भी रुकावट बन गया।
भागलपुर स्टेशन पर गंगा से जलापूर्ति योजना के लिए 94 लाख और इसी में पाइपलाइन के लिए लगभग डेढ़ करोड़ मिले हैं। कुल मिलाकर जलापूर्ति के लिए लगभग ढाई करोड़ दिये जाने हैं। बजट के बाद बुधवार की शाम को पिंक बुक रिलीज किया गया। इसमें पूर्व रेलवे क्षेत्र के सभी परियोजनाओं पर राशि के आवंटन की सूचना दी गई है।
महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए राशि का आवंटन
नई लाइन
देवघर सुल्तानगंज और बांका भीतिया 1 हजार
बरियारपुर-मननपुर 1 हजार
टिकानी मालगोदाम 1 हजार
सुल्तानगंज-कटोरिया 1 हजार
Comment here