AccidentBankBIHARBreaking NewsMUZAFFARPURNationalPATNAPoliticsSTATEUncategorized

भाजपा MLA ने पूजा-पाठ करने के लिए बिहार विधान सभा में मांगा अलग कमरा, कहा— हनुमान चालिसा पढ़ना है

भाजपा विधायक को विधानसभा में हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए कमरा चाहिए, विस अध्यक्ष बोले- मांग पर विचार करेंगे : झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरा आवंटित की धमक मंगलवार को बिहार विधानसभा तक पहुंच गयी। सत्ताधारी दल भाजपा ने झारखंड विधानसभा के निर्णय का विरोध किया, और बिहार विधानसभा में हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए अलग कमरे की मांग भी उठा दी। बिहार विधानसभा में 1993 से नमाज पढ़ने के लिए एनेक्सी में अलग कमरा आवंटित है। भाजपा ने इसी तर्ज पर हिंदुओं के प्रार्थना के लिए भी अलग कमरे की मांग की है।

Sponsored

विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विधानसभा में हर धर्म के लोगों को उनकी प्रार्थना के लिए उनकी इच्छा पर कमरा दिया जाएगा। हर धर्म के लोगों को उनकी आस्था के अनुसार प्रार्थना की छूट है और उनसे यदि मांग की जाएगी तो वे निश्चित रुप से इस पर विचार करेंगे। फिलहाल उनके पास कोई प्रस्ताव नहीं है। हिंदू, ईसाई सबको उनकी मांग पर कमरा देने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है। हम सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान रखते हैं। विधानसभा में पहले से ही नमाज के लिए अलग से कमरा दिया गया है। मुस्लिम समाज के लोग यहां नमाज पढ़ते हैं। किसी को आपत्ति नहीं। होनी भी नहीं चाहिए। हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए अलग कमरा देने की मांग भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने की है।

Sponsored

उन्होंने कहा कि नमाज के लिए विधानसभा में अलग से कमरा आवंटित है तो हिन्दुओं के लिए भी अलग से कमरा उपलब्ध कराया जाना चाहिए। यहां वे अपनी श्रद्धा के अनुसार प्रार्थना करेंगे और हनुमान चालीसा पढ़ेंगे। किसी धर्म विशेष के लिए कमरा देकर तुष्टिकरण की नीति नहीं होनी चाहिए।

Sponsored

बचौल आज देंगे आवेदन : बचौल ने कहा कि वे बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष को हिंदुओं की प्रार्थना के लिए अलग कमरा आवंटित करने की मांग को लेकर विधिवत आवेदन देंगे। उन्हें विश्वास है कि अध्यक्ष निश्चित रुप से विशेष कमरा आवंटित करेंगे।

Sponsored

इधर, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने झारखंड विधानसभा में किसी खास धर्म के लोगों को अलग कमरा दिये जाने पर आपत्ति की। उन्होंने कहा कि इससे गलत संदेश जाएगा। ऐसे लोकतंत्र नहीं चलता है। किसी खास धर्म के लोगों को अलग कमरा देना आपत्तिजनक है। आखिर लोकतंत्र में हम क्या संदेश देना चाहते हैं? इस निर्णय से खास धर्म के प्रति विशेष सहानुभूति और तुष्टिकरण का अहसास होता है। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता डॉ.अजय आलोक ने भी कहा कि विधानसभा भवन के अंदर अलग से एक धर्म के लिए व्यवस्था कर देना संवैधानिक दृष्टि से कहीं से उचित नहीं है। राजनीतिक दृष्टि से यह घोर निंदाजनक है। तुष्टिकरण की इससे घटिया पहल नहीं हो सकती।

Sponsored

 

 

 

input – daily bihar

Sponsored

Comment here