कटिहार, बेगूसराय, शेखपुरा, अररिया, खगड़िया, पूर्णिया, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर, नवादा। सरकारी स्कूल-कॉलेजों के मेधावी छात्रों को अब मुफ्त में कराई जाएगी जेईई-नीट की तैयारी, 10वीं पास-11वीं के स्टूडेंट्स को मिलेगा लाभआकांक्षी जिला कार्यक्रम : मुजफ्फरपुर, नवादा, बांका समेत राज्य के 13 जिलों में बायजू आकाश जेईई-नीट कोचिंग का होगा संचालन, संस्थानों से मांगी छात्रों की सूची
अब सरकारी स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले गरीब मेधावी छात्र-छात्राओं को मुफ्त में जेईई और नीट की तैयारी कराई जाएगी। सरकारी शैक्षणिक संस्थानों से 10वीं पास और 11वीं की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा। नीति आयोग द्वारा पिछड़ेपन आदि के आधार पर चिह्नित बिहार के मुजफ्फरपुर, नवादा और बांका सहित 13 आकांक्षी जिलों के मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए धन की कमी बेहतर पढ़ाई दिलाने की राह में रोड़ा नहीं बनेगी। जिला कार्यक्रम के तहत बायजू आकाश जेईई-नीट कोचिंग के माध्यम से इन्हें इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए मुफ्त तैयारी कराई जाएगी। इसके लिए आकांक्षी जिलों के डीपीओ (ईई व एसएसए) ने शिक्षण संस्थानों से मेधावी छात्र-छात्राओं की सूची मांगी है। इसमें ऐसे छात्र का चयन किया जाएगा जिनकी 8वीं, 9वीं, 10वीं व 11वीं की परीक्षा में बेहतर उपलब्धि रही हो।
इस योजना का लाभ लेने के लिए स्टूडेंट्स की उम्र 15 वर्ष से कम और 23 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। नीट कोचिंग के लिए स्टूडेंट्स का विषय फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी होनी चाहिए। जेईई के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स होना जरूरी है।
हर संस्थान से दोनों कैटेगरी
नीट या जेईई में एक छात्र या छात्रा का चयन किया जाएगा। मुजफ्फरपुर के डीपीओ ( ईई व एसएसए) अमरेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि सरकारी स्कूलों और कॉलेजों के मेधावी बच्चों को मेडिकल- इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन प्रतियोगिता में सफलता दिलाने के लिए मुफ्त तैयारी कराई जाएगी।
शैक्षणिक संस्थान में बनेगा स्टडी सेंटर
नीति आयोग की ओर से चयनित आकांक्षी जिला के 200 स्टूडेंट्स का चयन बायजू आकाश जेईई-नीट कोचिंग कार्यक्रम के लिए किया जाना है। इसमें किसी तरह की कैटेगरी, जेंडर कुछ भी निर्धारित नहीं है। शर्त केवल मेधावी स्टूडेंट्स का चयन है। इसमें छात्र या छात्रा में से कोई भी हो सकता है। चुनकर आए बच्चों का बायजू की ओर से एंट्रेंस भी लिया जाएगा। इसमें चयनित होने वाले बच्चों को मुफ्त में तैयारी कराई जाएगी। बच्चों के स्टडी सेंटर के लिए प्रत्येक आकांक्षी जिले में एक केंद्र बनेगा। जहां ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनोें तरह से तैयारी कराई जाएगी।
एक्सपर्ट बोले – सरकारी स्कूलों के बच्चों के सपने होंगे साकार
सरकारी स्कूलों के बच्चे अब इंजीनियरिंग और मेडिकल के क्षेत्र में अपने सपने साकार कर सकेंगे। प्रोग्राम लीडर सैय्यद अकरम ने बताया कि कोचिंग कार्यक्रम के लिए चयनित बच्चों में से अगर 50 फीसदी ही मेडिकल या इंजीनियरिंग में सफल होते हैं तो यह आकांक्षी जिला के लिए उपलब्धि होगी। डॉ. नवीन ने बताया कि मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थानों में 1.5 से 2 लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं। चयनित मेधावी बच्चों को इससे राहत मिलेगी।
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