बिहार कृषि प्रबंधन एवं प्रसार प्रशिक्षण संस्थान (बामेति) पटना को प्रशिक्षण की जिम्मेदारी मिली है। बामेति के निदेशक डॉ जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि करीब 8347 मुखिया को ऑनलाइन माध्यम से 20 जून से 31 जुलाई तक प्रशिक्षण दिया जायेगा।
बिहार के हर किसान तक प्राकृतिक खेती को पहुंचाने के लिए कृषि विभाग पंचायत प्रतिनिधियों की मदद लेने जा रहा है। वह मुखिया को प्रशिक्षित करेगा ताकि वह अपनी पंचायत के किसानों को प्रेरित करने के साथ- साथ जरूरत पर खेती किसानी की जानकारी भी दे सकें।
जलवायु अनकूल खेती के साथ- साथ परंपरागत खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग लगातार अभियान चला रहा है। अधिकारी गांव- गांव जाकर किसानों से संवाद कर रहे हैं।
कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने इसे प्रभावी बनाने के लिए जनता द्वारा चुने गये ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों की मदद लेने के निर्देश दिये थे। मंत्री का मानना है कि लोग अपने जनप्रतिनिधि की सलाह- सुझाव को अधिक महत्व देते हैं।
हर पंचायत के मुखिया को किया जायेगा प्रशिक्षित
इसी कड़ी में 20 जून से प्रत्येक पंचायत के मुखिया को प्रशिक्षित किया जायेगा। मुखिया को आनलाइन तरीके से पुरखों की खेती का महत्व बताया जायेगा।
दो घंटे के इस प्रशिक्षण को इस तरह डिजायन किया गया है कि मुखिया परंपरागत खेती करने वाले किसानों के लिए मददगार साबित हों।
एक दिन में मुखिया के चार बैच किये जायेंगे प्रशिक्षित
बिहार कृषि प्रबंधन एवं प्रसार प्रशिक्षण संस्थान (बामेति) पटना को प्रशिक्षण की जिम्मेदारी मिली है। बामेति के निदेशक डॉ जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि करीब 8347 मुखिया को ऑनलाइन माध्यम से 20 जून से 31 जुलाई तक प्रशिक्षण दिया जायेगा। एक बैच में 40 मुखिया होंगे। एक दिन में चार बैच को दो- दो घंटे में प्रशिक्षित किया जायेगा।
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