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बिहार में बदला शिक्षक बहाली का नियम, मुखिया-प्रमुख-मेयर का पॉवर खत्म, बस एक बार होगा आनलाइन आवेदन

PATNA -स्कूली शिक्षकों की भर्ती नियमावली में बदलाव करेगी सरकार, शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से मुखिया, प्रमुख और मेयर जैसे जनप्रतिनिधि बाहर होंगे : ऑनलाइन लिए जाएंगे आवेदन, अलग-अलग नियोजन इकाई में आवेदन देने से मिलेगी निजात, ये दो बड़े बदलाव } उद्देश्य-भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना, अभी पंचायत नियोजन इकाई में मुखिया अध्यक्ष और सबसे बड़े वार्ड के वार्ड सदस्य मेंबर होते हैं। प्रखंड स्तर की नियोजन इकाई के अध्यक्ष प्रखंड प्रमुख होते हैं और यही एकमात्र जनप्रतिनिधि भी। जिलास्तरीय नियोजन इकाई में अध्यक्ष की भूमिका जिला परिषद् अध्यक्ष की होती है।

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बिहार में शिक्षक नियोजन की नियमावली बदलेगी। आवेदन लेने और चयन दोनों ही प्रक्रिया में बदलाव होगा। अब चयन प्रक्रिया में स्थानीय जनप्रतिनिधियों-मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष, मेयर, मुख्य पार्षद आिद की कोई भूमिका नहीं होगी। शिक्षा विभाग अब शिक्षक भर्ती बोर्ड के माध्यम से शिक्षकों की बहाली के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे रहा है। इसके तहत आवेदन भी अब हर नियोजन इकाई में देने के बजाय सेंट्रलाइज व्यवस्था होगी।सबसे बड़ी बात यह है कि इन बदलावों को शिक्षा विभाग हाईस्कूलों में जल्द ही शुरू होने वाली सातवें चरण की शिक्षक बहाली से ही लागू करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सबसे पहले उच्च व उच्चतर माध्यमिक शिक्षक बहाली नियमावली 2020 में संशोधन किया जाएगा। वर्तमान में अलग-अलग नियोजन इकाई के माध्यम से मेधा सूची और चयन की प्रक्रिया पूरी की जाती है। इससे कई बार योग्य अभ्यर्थी भी चयन से वंचित रह जाते हैं और सीटें खाली रह जाती है।

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सितंबर से होने वाली 7वें चरण की भर्ती से ही होगी नई व्यवस्था लागू
सातवें चरण में हाईस्कूलों में लगभग एक लाख शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया सितंबर से शुरू होगी। अभी विभाग ने माध्यमिक शिक्षक के 40665 पद, उच्च माध्यमिक शिक्षक के 47896 पद और कंप्यूटर शिक्षक के 1000 पद रिक्त पद को चिह्नित किया है। छठे चरण के तहत 32714 शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया चल रही है, जो जुलाई में पूरी हो जाएगी। माना जा रहा है कि 32714 शिक्षकों के पदों में दो तिहाई पद रिक्त रह जाएंगे। छठे चरण में जो पद रिक्त रह जाएंगे, उसे सातवें चरण में शामिल कर दिया जाएगा। ऐसे में कुल रिक्तियां एक लाख से अधिक हो जाएंगी। सातवें चरण में बहाली के लिए अभ्यर्थियों से केंद्रीयकृत (सेंट्रलाइज) तरीके से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। किस नियोजन इकाई में शिक्षक बनना चाहते, इसका ऑप्शन मांगा जाएगा। उच्च माध्यमिक के 50 प्रतिशत सीट प्रोन्नति से भरे जाएंगे।

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  1. नियोक्ता पंचायती राज और नगर निकाय ही होंगे, लेकिन मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष, नगर परिषद अध्यक्ष, महापौर जैसे निर्वाचित जनप्रतिनिधि भर्ती प्रक्रिया से अलग हो जाएंगे।
  2. अभ्यर्थियों को अलग-अलग नियोजन इकाइयों के बदले एक ही आवेदन करना होगा, वह भी ऑनलाइन।

लाभ: एक-एक अभ्यर्थी को सैकड़ों आवेदन देने की अपाधापी नहीं रहेगी। केंद्रीयकृत तरीके से चयन होने से पद रिक्त रहने की संभावना भी घटेगी। अभी की व्यवस्था में अभ्यर्थी रहते हुए भी पद रिक्त रह जाते हैं। हाल में 90762 प्राथमिक शिक्षक के पद में 48 हजार से अधिक रिक्त रह गए।

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लाभ: आरोप लग लगते रहते हैं कि जनप्रतिनिधियों के द्वारा बहाली में पारदर्शिता नहीं बरती जाती है। गड़बड़ी के आरोप भी लगते रहे हैं। प्रस्तावित बदलाव से इसमें सुधार संभव है।

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