आज हमने गंगा नदी के आसपास के कई इलाकों का दौरा कर अधिकारियों के साथ पूरी स्थिति को देखा है। 2016 में गंगा नदी के किनारे वाले जिलों में बाढ़ के पानी से जो असर हुआ था, उसे ध्यान में रखते हुए इस बार पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया है।
गंगा पटना में नए रिकार्ड की ओर बढ़ रही है। साथ ही परेशानी भी। हाथीदह में इसके 24 से 48 घंटे में रिकार्ड जलस्तर को पार करने की संभावना है। 2016 में गंगा 43.17 मीटर पर पहुंच गई थी। बुधवार रात 11 बजे यहां जलस्तर 43 मीटर पर था, जो अपने उच्चतम जलस्तर से मात्र 17 सेंटीमीटर कम था। अगले कुछ घंटों में इसके 43.22 मीटर को पार कर जाने की संभावना है। यहां गंगा ने 2016 में 1971 का रिकार्ड तोड़ा था। तब यहां 43.15 मीटर का रिकार्ड था। वहीं गांधीघाट और दीघा में भी वह पुराने रिकार्ड की ओर बढ़ रही है। दूसरी ओर मौसम विभाग पटना समेत बिहार के कई जिलों में बारिश की संभावना जता रहे हैं।
बक्सर में बुधवार को फिर से 46 हजार क्यूसेक पानी अधिक आया। वहां देर रात 9.40 लाख क्यूसेक पानी का बहाव हो रहा था। गंडक, कोसी और घाघरा के साथ-साथ सोन के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद स्थिति और गंभीर होने की आशंका है। वीरपुर बराज पर कोसी, वाल्मीकिनगर बराज पर गंडक और इन्द्रपुरी बराज पर सोन के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हो रही है। इनका पानी गंगा का ही जलस्तर बढ़ाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना व आसपास के प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया। अफसरों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। तैयारी के मद्देनजर पटना सुरक्षा दीवार के गेटों को बंद करने की सामग्री एकत्र कर ली गई है। जल संसाधन विभाग गंगा के अबतक के रिकार्ड जलस्तर से एक मीटर अधिक के हिसाब से काम कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने गांधी घाट पर सुरक्षा दीवार के पार आए गंगा के पानी से गुजरते हुए। बुधवार को उन्होंने पटना के सभी घाटों, सोनपुर एवं हाजीपुर के क्षेत्रों का भी जायजा लिया। फिर हवाई सर्वे में उन्होंने दीघा से मोकामा तक, राघोपुर, बख्तियारपुर, पंडारक, समस्तीपुर के मोहद्दीनगर, बेगूसराय के बछवाड़ा व अन्य क्षेत्रों को देखा। उनके साथ जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार एवं चंचल कुमार भी थे।
सहायक नदियों का बढ़ता पानी भी गंगा में ही आएगा
गंडक नदी वैशाली के लालगंज में खतरे के निशान के पार हो गयी है। इससे हाजीपुर में भी गंडक के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी शुरु हो गयी है। इसके बाद पटना के लिए नयी मुसीबत पैदा हो सकती है। इसके साथ ही कोसी और घाघरा के जलस्तर में बढ़ोतरी है। इससे गंगा पर पटना के निकट दबाव बढ़ना तय है। बागमती, अधवारा, कमला बलान, भूतही, खिरोई नदी अभी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। इनके जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
input – daily bihar
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