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बिहार: कैमूर वन अभ्यारण को मिलेगी टाइगर रिजर्व की मंजूरी, इको टूरिज्म के रूप में विकसित होगा क्षेत्र

कैमूर वन अभयारण्य को इस साल टाइगर रिजर्व की मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद यह राज्य में वीटीआर के बाद दूसरा टाइगर रिजर्व होगा। इसके लिए पिछले महीने केंद्रीय टीम ने कैमूर वन क्षेत्र का दौरा कर आबादी और जंगल वाले हिस्से की जानकारी ली थी।

कैमूर वन अभयारण्य को इस साल टाइगर रिजर्व की मंजूरी मिल जायेगी। यह बिहार में वीटीआर के बाद दूसरा टाइगर रिजर्व होगा। इसके लिए पिछले महीने केंद्रीय टीम ने कैमूर वन क्षेत्र का दौरा कर आबादी और जंगल वाले हिस्से की जानकारी ली थी।

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इसके लिए कोर एरिया, बफर एरिया व कॉरिडोर को चिह्नित किया गया था। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से भी उन्हें सभी स्थितियों से अवगत करवाया था।

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अब केंद्रीय टीम अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद राज्य सरकार की तरफ से टाइगर रिजर्व के लिए अंतिम प्रस्ताव केंद्र को भेजा जायेगा।

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Kaimur Forest Sanctuary to get approval of Tiger Reserve this year
कैमूर वन अभयारण्य को इस साल टाइगर रिजर्व की मंजूरी मिल जायेगी

इको टूरिज्म के तौर पर विकसित होगा क्षेत्र

सूत्रों के अनुसार मार्च 2020 में कैमूर वन अभ्यारण्य में वन विभाग द्वारा लगाये गये कैमरा ट्रैप में विचरण करते बाघ की तस्वीर कैद हुई थी। इसके बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा गठित टीम ने यहां का दौरा किया था।

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टाइगर रिजर्व घोषित होने से इस क्षेत्र को इको टूरिज्म के तौर पर विकसित किया जा सकेगा, जिससे रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

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Kaimur Forest Sanctuary will be the second tiger reserve after VTR in Bihar
बिहार में वीटीआर के बाद दूसरा टाइगर रिजर्व होगा कैमूर वन अभयारण्य

इसके साथ ही पर्यटन का भी विकास होगा। वर्तमान में यहां के वन क्षेत्रों में भालू, तेंदुआ व हिरण सहित कई जानवरों की मौजूदगी है।

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इसके अलावा यहां विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षी भी आते रहते हैं। कैमूर वन क्षेत्र काफी बड़ा है और इसकी सीमा झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के जंगलों से मिलती है।

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बिहार में कछुआ संरक्षण की भी बन रही योजना

राज्य में कछुआ संरक्षण की योजना बन रही है। इस योजना को लेकर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने करीब 250 अधिकारियों व कर्मियों को प्रशिक्षण दिलवा चुका है।

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अब योजना को लागू कर कछुओं के संरक्षण पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इस योजना को इसी साल लागू होने की संभावना है।

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इसके लिए राज्य के वेटलैंड वाले इलाकों में कछुओं का ब्रीडिंग और संरक्षण सेंटर बनाया जायेगा। साथ ही कछुओं की तस्करी पर लगी रोक को प्रभावी तौर पर लागू किया जायेगा। गौरतलब है कि इकोसिस्टम को संतुलित करने में कछुआ की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

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