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बिहार की छात्राओं का कमाल, बनाई इतनी विशाल राखी, इंडियन बुक ऑफ रिकार्ड में नाम हुआ दर्ज

बिहार की छात्राओं ने 808 फीट लंबी और 60 फुट चौड़ी राखी बना रिकार्ड ही बना दिया है। ये कमाल करने वाली छात्राओं का नाम इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है।

आपने बाजार में अभी तक सिर्फ ऐसी राखी देखी होगी जो इंसान की कलाई पर सिर्फ आ सके। लेकिन बिहार की राजधानी पटना में छात्राओं ने इंसानों से बनी इतनी बड़ी राखी बनाई जिसने रिकॉर्ड ही बना दिया।

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पटना की नॉट्रेडम एकेडमी की 480 छात्राओं ने मिलकर 808 फुट लंबी और 60 फीट चौड़ी राखी बनाकर इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवा लिया है।

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छात्राओ द्वारा बनाया गया चार सौ पेंटिंग लगाया

आजादी के अमृत महोत्सव को रक्षाबंधन से जोड़ कर स्कूल की आठवीं और नौंवी की छात्राओं ने यह राखी तैयार किया। राष्ट्रीय एकता, विश्व बंधुत्व, आजादी का अमृत महोत्सव, सांप्रदायिक सदभाव और भाईचारे के थीम पर राखी को तैयार किया गया।

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नॉट्रेडम शिक्षक अभिभावक संघ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का आयेाजन किया गया था। राखी के बीच के हिस्से की लंबाई 60 फीट और चौड़ाई 30 फीट था। इसमें छात्राओ द्वारा बनाया गया चार सौ पेंटिंग लगाया गया था।

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In Bihars capital Patna, girls made such a huge rakhi made of human beings that made a record.
बिहार की राजधानी पटना में छात्राओं ने इंसानों से बनी इतनी बड़ी राखी बनाई जिसने रिकॉर्ड ही बना दिया

वहीं राखी के दोनों लड़ियों में 280 पेंटिंग लगाए गए थे। शिक्षक अभिभावक संघ की अध्यक्षा रतिका अग्रवाल ने बताया कि इससे पहले एनटीआर भवन बंजारा हिल हैदराबाद में 2019 में 666 फीट लंबी राखी बनी थी।

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इंडियन बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज

इससे पहले ब्रह्मकुमारी द्वारा बुक टैंपल रोड बंगलूरू में 2013 में रक्षाबंधन के मौके पर चार सौ फीट लंबी राखी बनाई गई थी। इन दोनों से बड़ी राखी सोमवार को स्कूल की छात्राओं ने तैयार किया है।

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Recorded in Indian Book of Records by making Rakhi 808 feet long and 60 feet wide
808 फुट लंबी और 60 फीट चौड़ी राखी बनाकर इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज

इंडियन बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज हो गया है। वहीं लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में भी अगले साल रखा जाएगा। क्योंकि लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड के लिए 31 मई तक ही आवेदन करने की तारीख है।

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राखी को सुबह छह बजकर 30 मिनट पर बनाना शुरू किया गया। पूरी राखी बनाने में तीन घंटे का समय लगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सचिव एस चंद्रशेखर और विशिष्ट अतिथि आईजीआईएमएस के निदेशक उा. विभुति प्रसाद सिन्हा थे।

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