PATNA-दो गाड़ियों का एक रजिस्ट्रेशन नंबर…डीटीओ को निलंबित कर गलती सुधारना भूला विभाग; 500 गाड़ी मालिक परेशान, नंबर में सुधार करने के लिए गाड़ी मालिक परिवहन कार्यालय का लगा रहे चक्कर, पूछने पर एक ही जवाबधैर्य रखें, आवेदन दें, सुधार हो जाएगा
लॉकडाउन के पहले बीएस-4 मॉडल खत्म होते समय आपाधापी मची तो पटना के जिला परिवहन कार्यालय ने एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर दो-दो गाड़ियों को जारी कर दिया। लॉकडाउन के दौरान ऐसा करीब 500 गाड़ियों में हुआ दिखा तो परिवहन विभाग ने तत्कालीन डीटीओ अजय ठाकुर को निलंबित कर दिया। अफसर को निलंबित करने के बाद विभाग ने भूल सुधार की प्रक्रिया नहीं की। गाड़ी खरीदने वाले लोगों की परेशानी आज तक दूर नहीं हुई है। परेशान लोग डीटीओ कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला वहां कोई नहीं है। जिनके नंबर में गड़बड़ी है वे वर्तमान जिला परिवहन पदाधिकारी शिकायत करते हैं तो सभी को जवाब मिल रहा कि पुराने जिला परिवहन पदाधिकारी के समय का मामला है।
धैर्य रखिए, आवेदन दिजिए, सुधार हो जाएगा। सुधार कबतक होगा, इसका जवाब नहीं मिल रहा है। लोगों की समस्या यह है कि नई गाड़ी का प्रदूषण और बीमा का कागज नहीं बन रहा है। डर से लोगों ने गाड़ी को घर में रख दिया है। गाड़ी बेचने वाली एजेंसी भी जिम्मेवारी नहीं ले रही है, क्योंकि, गड़बड़ी जिला परिवहन कार्यालय से हुई है।
केस नंबर-1 : सुखबीर सिंह लांबा-BR01DN 6997
देनी ऑटो मोबाइल से 2018 में अपाची मोटर साइकिल खरीदी थी। गाड़ी बेचने वाली एजेंसी ने 1 जनवरी 2018 को रजिस्ट्रेशन कराकर दे दिया। गाड़ी पर नंबर प्लेट लगाकर चल रहे थे। एक साल बाद प्रदूषण और बीमा कराने के लिए गए तो पता चला कि यह इनका नंबर नहीं है। इस रजिस्ट्रेशन नंबर पर ऑनलाइन में क्रेटा गाड़ी दिख रही है। सुखबीर सिंह लांबा ने कहा कि जिला परिवहन कार्यालय से परिवहन विभाग तक आवेदन दिया है, लेकिन अबतक सुधार नहीं हुआ। बेटे के लिए दूसरा गाड़ी खरीदनी पड़ी, जबकि नई गाड़ी घर में पड़ी है।
केस नंबर-2 : सोनी कुमारी – BR01DN 7977
चंदन हीरो ऑटो मोबाइल से 2018 में पैशन-प्रो मोटर साइकिल खरीदी थी। गाड़ी बेचने वाली एजेंसी ने 1 फरवरी 2018 को रजिस्ट्रेशन कराकर दे दिया। महेश कुमार ने कहा कि गाड़ी बहन की शादी के लिए खरीदे थे। उपहार में दिया। अब ससुराल पक्ष वाले गलत नंबर होने के कारण वापस लौटा दिए हैं। बहन को ताना सुनने को मिलता है, जबकि हमारी गलती नहीं है। बहन के ससुराल वालों को दिक्कत तो हो ही रही है, हमलोग भी दौड़-दौड़ कर हार गए हैं। गाड़ी का नंबर ईको 5 सीटर गाड़ी को मिल गया है।
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