इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट्स ऑफ मेडिकल साइंसेज (IGIMS) में आईवीएफ ट्रीटमेंट के जरिये पहले टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म हुआ है. अस्पताल में पिछले 2 साल से इलाज करा रहे सहरसा के रहनेवाली जोड़ी मिथलेश और अनिता की खुशी देखते ही बन रही है. बता दें कि इनकी शादी के 16 साल बाद घर में बच्चे की किलकारी गूंजी. बच्चे के जन्म के बाद न सिर्फ यह जोड़ी खुश है बल्कि अस्पताल के चिकित्सक भी सफलता पर जश्न मना रहे हैं और एक दूसरे का मुंह मीठा कर रहे हैं.
अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनीष मंडल, गायनी विभाग की डॉ निधि, डॉ अनुराधा और एचओडी डॉक्टर कल्पना खुद वॉर्ड में जश्न मनाने पहुंच गए. ये डॉक्टर इसे बड़ी सफलता बता रहे हैं. मिथलेश और अनिता की मानें तो बच्चे के लिए हर जगह इलाज करवाकर थक चुके थे लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी. इस बीच जैसे ही खबर मिली कि IGIMS में IVF ट्रीटमेंट शुरू हुआ, तो दम्पति यहां इलाज कराने के लिए पहुंच गए और उसके बाद आखिरकार सफलता मिली.
अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया कि राज्य का IGIMS पहला अस्पताल होगा जहां इस ट्रीटमेंट के जरिये बच्चे का जन्म हुआ है. ऐसे में निःसंतान दम्पति निराश नहीं हों और IVF के जरिये सही इलाज करवाने पर जरूर सफलता मिलेगी. इन्होंने बताया कि काफी सौभाग्य की बात है कि बिहार दिवस के दौरान बच्चे का जन्म हुआ है और IGIMS ने एक इतिहास रचा है.
क्या है आईवीएफ
इसमें स्त्री के अंडे और पुरुष शुक्राणु को शरीर के बाहर फर्टिलाइज किया जाता है. फर्टिलाइज़ेशन प्रक्रिया लैब के अंदर एक ग्लास पेट्री डिश में की जाती है. इस भ्रूण को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है ताकि वह बड़ा हो और शिशु का आकार ले.
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