बिहार के हाई स्कूल में पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। राज्य की नीतीश सरकार प्रदेश के हाई स्कूलों में आईटीआई की पढ़ाई प्रारंभ करने जा रही है। जिन कॉलेजों में आईआईटी संस्थान नहीं है, वैसे जगहों को प्राथमिकता मिलेगी। बता दें कि राज्य में 210 ऐसे प्रखंड है, जहां एक भी सरकारी या प्राइवेट आईटीआई नहीं है। कई सारे ऐसे प्रखंड है, जहां छात्रों को एमएसटीआई के तहत ट्रेनिंग नहीं हो रहा है।
खबर के मुताबिक, भारत सरकार में कौशल स्कील को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में प्रदेशों को स्वायत्ता दी है। प्रदेश सरकार के मंतव्य पर निजी आईटीआई को मान्यता मिलेगी या रद्द होगी। इसके अतिरिक्त परीक्षा कैलेंडर को अनुपालन करने की अथॉरिटी भी राज्यों को मिलेगा। इसके लिए प्रत्येक राज्य में एक विशेष कमेटी गठित की गई है।
बिहार में श्रम संसाधन कमेटी गठित की गई है, जो यह तय करेगा कि प्रदेश के तमाम प्रखंडों में सरकारी या प्राइवेट आईटीआई हो। हाई स्कूल कैंपस का इस्तेमाल आईटीआई की पढ़ाई के लिए किया जाएगा, इसके लिए समिति के आला अधिकारी शिक्षा विभाग के साथ समन्वय बनाएंगे। वैसे प्रखंड जहां एक भी आईटीआई नहीं है, वहां के हाईस्कूल का चयन कर आईटीआई की पढ़ाई शुरू करने के लिए समिति को निर्देश दिया गया है।
बता दें कि श्रम संसाधन विभाग हाई स्कूलों के अतिरिक्त अलग से आईटीआई संस्थान खोलने की कवायद में लगा हुआ है। हाल ही में विभाग ने आईटीआई खोलने के लिए आवेदन निकाले थे। निजी आईटीआई खोलने के लिए विभाग को 500 से ज्यादा आवेदन मिले हैं। विभाग इन आवेदनों की जांच करेगी। फिर विभागीय अधिकारी स्थल निरीक्षण करेंगे। इसके बाद विभाग की विशेष कमिटी मान्यता देने के लिए भारत सरकार से अनुशंसा करेगी।
Comment here