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नीतीश ने दिया सरकारी मास्टरों को जासूस बनने का आदेश, गांव में शराब पीने & बेचने वालों को पकड़वाइए

PATNA-शिक्षकों को मिला एक और अतिरिक्त काम, अब गुरुजी शराबियों और शराब माफियाओं की पहचान कर मद्य निषेध विभाग को देंगे सूचना, समाज में जागरुकता भी फैलाएंगे, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने आरडीडीई, डीईओ और डीपीओ को भेजा पत्र, जिम्मेदारी का ब्योरा दिया, मद्य निषेध विभाग के मोबाइल नंबर 9473400378, 9473400606 एवं टोल फ्री नंबर 18003456268/15545 पर सूचना दें

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राज्य के साढ़े चार लाख शिक्षकों के साथ ही शिक्षा समिति के सदस्य शराब पीने वालों और शराब उपलब्ध कराने वाले सहित शराब माफियाओं की पहचान कर मद्य निषेध विभाग को सूचना देंगे। शिक्षा विभाग ने प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों और शिक्षा समितियों के सदस्यों को नशामुक्ति अभियान को गति देने और समाज में जागरूकता की जिम्मेदारी दी है। इसके लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने शुक्रवार को सभी आरडीडीई, डीईओ और सभी डीपीओ को पत्र भेजा है।

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पत्र में कहा है कि ऐसी सूचना लगातार मिल रही है कि अभी भी कुछ लोग चोरी-छुपे शराब का सेवन कर रहे हैं। इसका दुष्परिणाम शराब पीने वाले और उनके परिवार पर पड़ रहा है। इसलिए इसे रोकना अति आवश्यक है। इस संबंध में प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में शिक्षा समिति की बैठक बुलाकर नशा मुक्ति के संदर्भ में आवश्यक जानकारी दें। साथ ही प्राथमिक, मध्य विद्यालय, उच्च माध्यमिक विद्यालय के सभी प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षा सेवक, तालिमी मरकज के साथ ही शिक्षा समिति के सदस्यों को निर्देश दें कि चोरी छुपे शराब पीने वाले या आपूर्ति करने वालों की पहचान करें। कहा है कि सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने शिक्षा अधिकारियों से सुनिश्चित कराने के लिए कहा है कि विद्यालय अवधि के बाद चोरी-छुपे नशापान करने वाले लोग विद्यालय परिसर का किसी हालत में उपयोग न कर सकें।

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राज्य के शिक्षकों को कई काम पहले से दिए गए हैं। मध्याह्न भोजन योजना से अलग करने की बात काफी दिनों से की जा रही है। बावजूद अभी तक शिक्षक इस जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सके हैं। आंगनबाड़ी के बच्चों के साथ-साथ चुनावी ड्यूटी और कई तरह के सर्वे में भी शिक्षकों का सहयोग लिया जाता है।

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प्रारंभिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों में लगभग साढ़े चार लाख से अधिक शिक्षक हैं। सभी स्कूलों में शिक्षा समितियां हैं। इसी तरह शिक्षा समिति के सदस्यों की संख्या लगभग 9 लाख हो जाती है। लगभग 14 लाख लोग शराबियों की सूचना देंगे, तो शराबबंदी और नशामुक्ति अभियान में तेजी आएगी।

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