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देश भर में बदल गया रेलवे टिकट रिज़र्वेशन करने का नियम, 30 साल पुरानी व्यवस्था हुआ लागू

रेलवे ने बदलेे रिजर्वेशन टिकट लेने के नियम, अब 30 साल पुरानी व्यवस्था के तहत मिलेंगे टिकट : ट्रेन के आरक्षण टिकट या जनरल टिकट लेने के लिए रेलवे स्टेशन के बुकिंग काउंटर पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। घर के पास ही या बाजार में भी टिकट मिलेंगे। इसके लिए रेलवे फिर से तीस साल पुरानी व्यवस्था शुरू करते हुए यात्री सुविधा केंद्र खोलने जा रहा है।

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रेल प्रशासन ने घर बैठे आरक्षण टिकट लेने के लिए ई-टिकट की सुविधा शुरू की है। ई-आरक्षण टिकट लेने पर यात्रियों को ट्रेन के किराया के अलावा तीस रुपये अतिरिक्त और जीएसटी देना पड़ता है। एक टिकट लेने पर यात्रियों के 50 रुपये तक अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है। वेटिंग टिकट के कंफर्म नहीं होने पर स्वत: टिकट निरस्त हो जाता है और स्लीपर क्लास के टिकट पर तीस रुपये की कटौती हो जाती है।

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यानी बिना यात्री किए ही यात्रियों का 80 रुपये खर्च करना पड़ते हैं। इसलिए यात्री रेलवे स्टेशन के बुकिंग काउंटर से टिकट लेना पसंद करता है। क्योंकि, वहां से टिकट लेने पर जीएसटी व अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता। वेटिंग टिकट पर यात्री ट्रेन में सफर कर सकते हैं। जबकि ई-टिकट वाले यात्रा नहीं कर सकते। रेलवे जनरल टिकट की बिक्री के लिए पहले से ही जनसाधारण बुकिंग टिकट सेवक (जेटीबीएस) काउंटर की व्यवस्था की थी।

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रेलवे टिकट काउंटर निजी व्यक्तियों से संचालित करने की तीस साल पुरानी व्यवस्था फिर से लागू करते हुए शहर के अंदर यात्री सुविधा केंद्र खोलेगा। प्रथम चरण में यहां स्टेशन की तरह आरक्षण टिकट मिलेगा। जनरल टिकट लेने पर दो रुपये अतिरिक्त देने होंगे। दूसरे चरण में यहां पार्सल बुकिंग करने की सुविधा भी मिलेगी। यह सुविधा सभी शहरों में शुरू किया जाना है। वर्तमान में यह सुविधा दो साल से अधिक समय से जेटीबीएस संचालित करने वाले व्यक्ति को दी गई है।

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एक आरक्षण टिकट बनाने पर रेलवे की ओर से तीस रुपये का कमीशन दिया जाएगा। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि यात्री सुविधा केंद्र खोले जाने हैं, इसके लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं। शर्तों को पूरा करने वाले व्यक्ति को केंद्र खोलने के लिए लाइसेंस दिया जाएगा।

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