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अपनी स्टाइल के कारण जरा हटके है ये नए ज़माने के द्रोणाचार्य, पढाई के साथ-साथ बच्चों को करते है मोटिवेट

नए जमाने में कुछ नए अंदाज के द्रोणाचार्य चर्चा में हैं। शिक्षा देने के सरल अंदाज व स्‍टाइल के कारण विद्यार्थी उनके फैन हैं। हम बात कर रहे हैं खान सर आनंद विकास दिव्‍यकीर्ति व अलख पांडेय जैसे शिक्षकों की।

संचार क्रांति के युग में आज के शिक्षक परंपरागत के साथ-साथ इंटरनेट माध्‍यम से वर्चुअल तरीके से भी शिक्षा (Virtual Education) दे रहे हैं।

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नए जमाने के इन शिक्षकों में बिहार के खान सर (Khan Sir) तो उत्‍तर प्रदेश के अलख पांडेय (Alakh Pandey) को कौन नहीं जानता? लिस्‍ट में विकास दिव्‍यकीर्ति (Dr. Vikash Divyakirti) भी हैं।

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और हां, गरीब बच्‍चों की मेधा तराश कर उन्‍हें आइआइटी में प्रवेश दिलाने वाले सुपर-30 (Super 30) फेम आनंद सर (Anand Kumar) की चर्चा किए बिना तो लिस्‍ट अधूरी ही रहेगी।

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पटना के नए जमाने के इन द्रोणाचार्यों (New Age Dronacharyas) की स्‍टाइल जरा हटकर है। वे शिक्षा देने के साथ-साथ विद्यार्थियों से गजब कनेक्‍ट करते हुए उन्‍हें मोटिवेट भी करते रहते हैं।

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खान सर के अंदाज के फैन विद्यार्थी

नए जमाने के वर्चुअल शिक्षकों की चर्चा हो और पटना वाले खान सर का नाम न आए, ऐसा नहीं हो सकता है। खान सर ने कोरोनावायरस संक्रमण के काल में आनलाइन शिक्षा की शुरुआत की।

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Fan student of Khan sirs style
खान सर के अंदाज के फैन विद्यार्थी

देखते-देखते उनके यू-ट्यूब चैनल की ख्‍याति गांव-गांव तक पहुंच गई। कोरोना काल में उनके वीडियो सर्वाधिक देखे गए। उनका ‘खान जीएस रिसर्च सेंटर’ आफलाइन क्लासेस भी चलाता है।

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खान सर कठिन से कठिन विषय को बेहद सरल भाषा में इस तरह समझा देते हैं कि विद्यार्थी उसे कभी नहीं भूलते। उनके पढ़ाने के अंदाज के बच्‍चे फैन हो जाते हैं।

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गरीब मेधा को तराशते रहे आनंद

कोचिंग संस्‍थान ‘सुपर 30’ फेम आनंद कुमार नए जमाने के पहले शिक्षक हैं, जिन्होंने मेधावी गरीब बच्चों को सपने देखने व उन्‍हें पूरा करने का हौसला दिया।

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आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी बच्‍चों की मेधा को तराश कर उन्‍होंने उन्‍हें आइआइटी जैसी कठिन परीक्षा में सफलता दिलाने का कीर्तिमान बनाया है। उनके मार्गदर्शन में आज ठेला पर अंडा व सब्‍जी बेंचने वालों के बच्‍चे भी इंजीनियर बन रहे हैं।

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Coaching Institute Super 30 fame Anand Kumar
कोचिंग संस्‍थान ‘सुपर 30’ फेम आनंद कुमार

वे एक बेहतरीन गणित शिक्षक हैं। शिक्षा के प्रति उनके समर्पण के सम्‍मान में बालीवुड फिल्‍में ‘सुपर 30’ व ‘आरक्षण’ बनी हैं। उन्‍हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान भी मिल चुके हैं।

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लिस्‍ट में ये नाम भी हैं शामिल…

ये तो हुए बिहारी शिक्षक। इनके अलावा बिहार के बाहर के नए जमाने के कुछ गुरुओं की बात करें तो डा. विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakriti) व अलख पांडेय (Alakh Pandey) की चर्चा जरूरी है।

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डा. विकास दिव्यकीर्ति

डा. विकास दिव्यकीर्ति यूपीएससी सिविल सेवा और अन्य प्रतिशेगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं के हीरो हैं। ‘दृष्टि आइएएस काेचिंग संस्‍थान’ के संस्‍थापक विकास दिव्यकीर्ती ने 22 साल की उम्र में अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी सिविल सेवा में 384वीं रैंक हासिल की थी।

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Vikas Divyakirti secured 384th rank in UPSC Civil Services in his first attempt at the age of 22
विकास दिव्यकीर्ती ने 22 साल की उम्र में अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी सिविल सेवा में 384वीं रैंक हासिल की थी

लेकिन उनका मन अफसरी में नहीं लगा। फिर, उन्‍होंने शिक्षा दान की राह पकड़ी। उनके पढ़ाने का अंदाज सरल है तथा वे अपने विद्यार्थियों का मनोबल भी बढ़ाते रहते हैं।

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फिजिक्स वाला अलख पांडेय

Alakh Pandey Physics Wallah
फिजिक्स वाला अलख पांडेय

यूपी के प्रयागराज के रहने वाले अलख पांडेय अपना एजुकेशन प्‍लेटफार्म ‘फिजिक्स वाला’ चलाते हैं। वे यूट्यूब पर वीडियोज शेयर करते हैं। वे जेईई मेन्स व जेईई एडवांस तथा मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं।

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