यूपीएससी परीक्षा 2021 के परिणाम में नारी शक्ति का जलवा दिखा है। मुंगेर की अंशु प्रिया ने यूपीएससी परीक्षा में 16वां रैंक प्राप्त किया है। अंशु प्रिया ने अपनी सफलता का मंत्र अन्य अभ्यर्थियों को भी दिया।
यूपीएससी परीक्षा 2021 के अंतिम परिणाम में नारी शक्ति का जलवा दिखा। टॉपर से लेकर टॉप 100 तक में कई महिला अभ्यर्थियों ने अपनी जगह बनायी।
बिहार के मुंगेर शहर के पूरबसराय गायत्री नगर निवासी शिक्षक पुत्री अंशु प्रिया ने यूपीएससी परीक्षा में 16वां रैंक प्राप्त किया है। मूल रूप से असरगंज प्रखंड के दुल्हर गांव निवासी शैलेंद्र कुमार पेशे से शिक्षक हैं। वर्तमान समय वह संदलपुर मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात हैं।
पटना एम्स से पासआउट हुई अंशु प्रिया
शैलेंद्र कुमार ने बताया कि जब वे मध्य विद्यालय माधोपुर में प्रतिनियुक्त थे तो उनकी बेटी को वहीं पर प्राथमिक शिक्षा मिली। जिसमें बाद उसका नामांकन नेट्रोडेम एकेडमी मुंगेर में करा दिया गया।
वर्ष 2009 में उसने मैट्रिक एवं 2011 में इंटर की परीक्षा पास की. जिसके बाद अंशु ने दो वर्षों तक घर में रह कर मेडिकल की तैयारी की।
वर्ष 2013 में इंट्रेंस परीक्षा पास करने पर पटना एम्स में उनका नामांकन हुआ। वर्ष 2018 में वह पटना एम्स से पासआउट हुई. वह अपने बैच का गोल्ड मेडिलिस्ट थी।
एमबीबीएस करने के बाद दिल्ली गयीं
एमबीबीएस करने के बाद अंशु प्रिया दिल्ली चली गयी। जहां उन्होंने मानव सेवा को आत्मसात कर दिल्ली एम्स में टेलीमेडिसीन के माध्यम से लोगो का इलाज शुरू किया।
साथ ही अंशु प्रिया ने वहां यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। दूसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 16वां रैंक प्राप्त किया।
यूपीएससी की तैयारी करने वालों को मंत्र
अपनी सफलता के बाद अंशु प्रिया ने बताया कि वर्तमान में जो भी स्टूडेंट यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए कुछ बताना चाहती हूं।
यूपीएससी की ओर से जारी सिलेबस को ध्यान में रखने की जरूरत होती है। इसमें कंसीस्टेंसी की बहुत जरूरत है। इंटरनेट पर जाकर यह पता लगा सकते हैं कि क्या पढ़ना है। प्रतिदिन आठ से 10 घंटे की पढ़ाई जरूरी है।
अंग्रेजी मीडियम या हिंदी, जानिये क्या कहती हैं अंशु
अंग्रेजी मीडियम या हिंदी, इसे लेकर अंशु प्रिया कहती हैं कि भाषा कम्यूनिकेशन का माध्यम होता है। लिहाजा अंग्रेजी में अच्छे नहीं हैं, तो घबराने की कतई जरूरत नहीं है। भाषा का माध्यम हिंदी चुन सकते हैं. भाषा पर पकड़ बनाने के लिए अखबार व नोवेल पढ़ें और यह जरूरी भी है।
सोशल मीडिया से दूर रहीं अंशु
अंशु अपने बारे में बताती हैं कि मैं स्वाभाविक तौर पर रिजर्व रहना पसंद करती हूं, लेकिन इतना भी नहीं कि कमरे में बंद रहूं। तैयारी के दौरान एक-दो दोस्तों के साथ समय दी। ज्यादा सोशल लाइफ नहीं गुजारी। किसी भी सोशल मीडिया ग्रुप पर नहीं रही।
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