मुंगेर में 5 अगस्त को जिस 8 वर्षीया बच्ची की नृशंस हत्या हुई थी, उस मामले का खुलासा हो गया है। मुंगेर के SP जगन्नाथ रेड्डी जलारेड्डी के अनुसार, अंधविश्वास की वजह से बच्ची की इस तरह से हत्या की गई। उन्होंने पहले ही बच्ची के साथ रेप की घटना से इनकार किया था।
अब पुलिस ने हत्या के इस मामले में खगड़िया के एक ओझा समेत चार लोगों को अरेस्ट कर लिया है। ओझा के कहने पर एक दंपती ने बच्ची का अपहरण किया था। अपहरण के बाद बच्ची की बलि दी गई। उसकी आंख सिर्फ इसलिए फोड़ दी गई कि उसके खून से सने ताबीज को पत्नी को पहनाया जा सके।
SP ने बताया कि मुंगेर के परहम निवासी दिलीप कुमार की पत्नी को बच्चा नहीं हो रहा था। इस वजह से वह खगड़िया के रहने वाले परवेज आलम से मिला। उसने अपना जादू-टोना शुरू किया और पहले रेहू मछली की बलि दी। इसके बाद उसने मुर्गे की बलि दी। किसी प्रकार पत्नी को गर्भ ठहरा तो उसकी रक्षा के लिए परवेज ने इंसानी बलि देने की बात कही।
इंसान के आंख के खून की जरूरत थी, जिससे ताबीज बनना था।इसी खून के लिए दिलीप कुमार ने पुरवारी टोला निवासी दशरथ और परहम निवासी तनवीर आलम नाम के दो दोस्तों के साथ मिलकर बच्ची का अपहरण कर लिया। रात में उसकी बलि दी और आंख फोड़कर निकाले गए खून से सने कपड़े से ताबीज बनाकर पत्नी को पहनाया। उसने बच्ची के क्षत-विक्षत शव को ईंट-भट्ठा परिसर में फेंक दिया।
पुलिस ने खून सना कपड़ा किया बरामद
मुंगेर पुलिस ने आरोपित के पास से खून सना कपड़ा भी बरामद किया है। पुलिस के अनुसार, उन्होंने इस मामले में साइंटिफिक तरीके से इन्वेस्टिगेशन कर आरोपितों के खिलाफ सबूत इकठ्ठा कर लिया है। परवेज समेत चारों आरोपितों को अरेस्ट कर लिया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
5 अगस्त को मिला था क्षत-विक्षत शव
जिले के सफियासराय ओपी अन्तर्गत पुरवारी टोला फरदा में एक ईंट-भट्ठा से पांच अगस्त को बच्ची का शव बरामद किया था। शव की हालत देखकर पुलिसवाले भी एक बार कांप गए। शव की दाहिनी आंख फूटी थी। नाक, होंठ, चेहरे व कूल्हे पर जख्म के निशान थे। दोनों हाथों के सभी नाखून नोंचे गए थे। जिले में इस तरह की यह पहली वारदात थी।
Input: Bhaskar
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