HARYANA- हाईकोर्ट का अजीब फैसला, कहा— 5 हजार जुर्माना दो या आंवला, नीम के पेड़ लगाओ : हरियाणा सिविल सेवा एचसीएस के लिए प्रतियोगी परीक्षा में उर्दू विषय न रखने को चुनौती देने वाली याचिका पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जुर्माना लगा खारिज कर दी। जस्टिस अरुण मोंगा ने फैसले में कहा कि याची ने खुद इस परीक्षा के लिए कभी आवेदन तक नहीं किया और न ही कभी परीक्षा दी।
फिर इसे चुनौती देने का अधिकार कैसे दिया जा सकता है। ऐसे में याची पांच हजार रुपये जुर्माना दे या फिर बदले में अपने घर के आसपास नीम, आंवला और गुलमोहर जैसे सदाबहार पेड़ लगाए और इसका सर्टिफिकेट बागवानी विभाग से लेकर हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को दे। ऐसा न करने पर रजिस्ट्री संबंधित कोर्ट के पास केस को वापस सुनवाई के लिए भेज सकती है।
मेवात निवासी मोहम्मद इमरान की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि संविधान आठवीं अनुसूची के तहत उर्दू को राष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता देता है लेकिन हरियाणा में प्रतियोगी परीक्षा के लिए वैकल्पिक विषयों से उर्दू को बाहर करना इस भाषा से भेदभाव है।
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