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शराब कारोबारी का बड़ा खुलासा, कहा- बिहार के कई IAS-IPS अधिकारी और सांसद-विधायक भी पीते हैं शराब

PATNA- शराब माफिया समर घोष ने खोले बड़े राज, बताए कई नाम; Video में देखें कैसे पुलिस के सामने पकड़े कान ; बीते साल 16 अक्टूबर को शराबबंदी कानून को और सख्ती से लागू करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक की. इसके बाद अवैध शराब के कारोबार से जुड़े लोगों पर कानून का शिकंजा लगातार कसता ही जा रहा है. इसी क्रम में पश्चिम बंगाल के रहने वाले मुर्शीद और समर घोष को अलग-अलग दिनों में गिरफ्तार किया गया. इन दोनों की गिरफ्तारी बिहार में पूर्णिया से हुई . बिहार में शराब की सप्लाई करने वाले माफियाओं में इन दोनों का ही नाम टॉप लिस्ट में है.

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हाल में ही बिहार पुलिस के हत्थे चढ़ा समर घोष लंबे दिनों से पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा था. उसे दरभंगा, सुपौल, कटिहार, समस्तीपुर और पूर्णिया की पुलिस खोज रही थी. इन जिलों में उसके खिलाफ लगभग एक दर्जन से ऊपर मामले दर्ज हैं. आखिरकार समर घोष को पूर्णिया पुलिस ने बीते 6 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया. समर घोष के बारे में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार पहले वह सब्जी बेचने का काम करता था जिसने शराब के अवैध धंधे से करोड़ों की कमाई की. समर घोष ने पूर्णिया पुलिस के सामने इस धंधे के बारे में कई राज उगले हैं. पुलिस के सामने दिए जा रहे उसके बयान के वीडियो का कुछ अंश न्यूज 18 के पास है.

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समर घोष ने पुलिस को बताया कि वह दालकोला में रहकर शराब की खेप भेजता था. इस बीच पुलिस दबिश बढ़ने पर वह झारखंड के रास्ते शराब की खेप भेज रहा था. समर बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के रटहर दानीगाछी हाउसा का रहने वाला है. समर घोष दालकोला और उसके आसपास के जिलों के शराब माफियाओं को अपनी तरफ से संरक्षण भी दे रहा था. उसने बताया कि मधु मोहन डे के अलावा संजय साह, मिथुन, मधु मोहन डे, समीतुल्ला और शराब के अवैध धंधे का कारोबारी मुर्शीद का भतीजा उसकी टीम में शामिल था. समर घोष ने यह भी बताया कि डेढ़ साल पहले ही उसने यह काम सीखा और रातोंरात करोड़पति बन गया. समर घोष ने यह भी बताया कि पूर्णिया सदर थाना, कटिहार जिले का कदवा और पोठिया थाना के साथ सुपौल जिले तक उसका कारोबार फैला हुआ था.

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समर घोष ने पुलिस के सामने कान पकड़ते हुए यह भी कहा कि अब वह कभी शराब का धंधा नहीं करेगा. बता दें कि बिहार पुलिस का दावा है कि इस शराब माफिया की गिरफ्तारी एक बड़ी चुनौती थी. समर घोष विदेशी शराब के साथ-साथ नकली शराब और स्प्रिट की भी सप्लाई बिहार में कर रहा था. जब बंगाल बॉर्डर पर बिहार पुलिस ने सख्ती बढ़ाई तो इसने शराब की सप्लाई का रूट बदल दिया था. अपनी खेप को झारखंड के रास्ते बिहार में भेजने लगा था. शराब सप्लाई के गोरखधंधे में इसने एक बड़ा सिंडिकेट खड़ा कर दिया है. जिसमें बिहार और बंगाल के शराब माफिया जुडे़ हैं.

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समर घोष ने अपनी पैठ पूर्णिया, अररिया, सुपौल, समस्तीपुर और दरभंगा के साथ-साथ कई जिलों में बना ली थी. ट्रक और पिकअप वैन के जरिए शराब की खेप को यह लगातार यहां भेज रहा था. इसके खिलाफ बिहार के 5 जिलों में कुल 8 FIR दर्ज हैं. गिरफ्तार किए जाने के बाद इससे लंबी पूछताछ की गई, जो अभी जारी है. पुलिस का मानना है कि इसके पकड़े जाने से बंगाल के साथ-साथ झारखंड और उत्तर-पूर्व के राज्यों से होने वाली शराब के अवैध कारोबार पर बड़ा असर पड़ेगा. बिहार के अंदर अवैध तरीके से शराब की सप्लाई में कमी आने की पूर्ण संभावना है.

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यहां यह भी बता दें कि पूर्णिया पुलिस और मद्य निषेध विभाग पटना की संयुक्त कार्रवाई में पुलिस के हत्थे चढ़ा शराब का बड़ा माफिया समर घोष नकली शराब के निर्माण और सप्लाई कर ही चंद दिनों में सब्जी विक्रेता से करोड़पति बन गया था. पूर्णिया के एसपी दयाशंकर के मुताबिक समर घोष से पूछताछ में पुलिस को कई अहम् सुराग मिले हैं. पुलिस उसके अन्य शागिर्द और बड़े शराब माफियाओं की गिरफ्तारी की कोशिशों में लगी है.

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एसपी के अनुसार पिछले कुछ दिनों में पुलिस ने मद्य निषेध विभाग पटना के सहयोग से कई बड़े शराब माफियाओं को गिरफ्तार किया है, जिसमें मुर्शीद, विश्वजीत सरकार, कलाम और समर घोष जैसे शराब माफिया शामिल हैं. बताया जाता है कि समर घोष अय्याश प्रवृति का व्यक्ति है. शराब के धंधे में अचानक करोड़पति बना समर घोष अक्सर अपने साथियों को पार्टी देता रहता था. इसी पार्टी के दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. वह अक्सर हवाई यात्रा भी किया करता था.

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पूर्णिया के एसपी दयाशंकर ने गिरफ्तारी के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि स्पेशल टीम लगातार शराब के कारोबार पर नजर ऱखे हुई है. बंगाल से सटे होने के कारण पूर्णिया के दालकोला चेक पोस्ट पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. दालकोला चेक पोस्ट के साथ-साथ सात जगहों पर 24 घंटे पुलिस की स्पेशल टीम निगरानी करती है, इसके अलावा बंगाल से नदी के रास्ते से भी पूर्णिया में शराब की तस्करी होती है. इसको रोकने के लिए स्पेशल टीम लगातार छापेमारी कर कई तस्करों को अब तक जेल भेज चुकी है.

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