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वकील से पंगा लेकर फंसे बिहार पुलिस के अफसर, पटना हाईकोर्ट के तेवर सख्‍त; गिरफ्तार करने को कहा

पटना हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता के साथ हाथापाई और दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसवाले फंस रहे हैं। इस मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट ने बिहार पुलिस को फटकार लगाई है। कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि अध‍िवक्‍ता की ओर से पुलिसवालों पर प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की जा रही है। उल्‍टे पुलिस ने अधिवक्‍ता पर ही प्राथमिकी दर्ज कर दी है। हालांकि कोर्ट ने इस प्राथमिकी पर रोक लगा दी है।

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कोर्ट ने पूछा अब तक क्‍यों नहीं दर्ज की प्राथमिकी

कोर्ट ने पटना के शास्त्री नगर थाना के दोषी पुलिस कर्मियों को गिरफ़्तार कर क़ानूनी कार्यवाही करने का आदेश दिया है। न्यायाधीश राजन गुप्ता ऐवं न्यायाधीश मोहित कुमार शाह ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए कहा आख़िर दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ अभी तक एफआईआर दर्ज कर गिरफ़्तारी क्यों नहीं की गई? राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाई जा रही है।

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पटना हाईकोर्ट ने पुल‍िस को दिया एक हफ्ते का मौका

हाईकोर्ट ने दोषी पुलिस कर्मी लाल बहादुर यादव के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने और एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) दायर करने का अंतिम मौका राज्य पुलिस को दिया है। हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे गंभीर मामले में इतना लचीला रवैया कैसे अख़्तियार किया जा रहा है।

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स्‍वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की दी चेतावनी

कोर्ट को बताया गया कि दोषी पुलिसकर्मियों द्वारा ग़लत तरीक़े से उल्टा पीड़ित अधिवक्ता के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर दी गई है। इस पर कोर्ट ने पुलिस कर्मियों द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर रोक लगा दी है ।अदालत ने पुलिस को चेतावनी दी है कि आरोपी पुलिस कर्मियों पर मुकदमा चलाने में उनकी विफलता के कारण अदालत को किसी भी स्वतंत्र एजेंसी से पूरे मामले की जांच का निर्देश देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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तीन अगस्‍त की शाम का है मामला

मालूम हो कि पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी किया था । इसके साथ साथ कोर्ट ने थाने की सीसीटीवी फूटेज को संरक्षित करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के अधिवक्ता साकेत गुप्ता ने आरोप लगाया है कि वह तीन अगस्त की शाम 7:15 को अपने परिचित अभिषेक कुमार एवं अन्य अधिवक्ताओं के साथ एक केस के सिलसिले में शास्त्री नगर थाना गए थे।

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पिस्‍तौल दिखाकर धमकी देने का आरोप

उनके परिचित अभिषेक कुमार को शास्त्री नगर थाने में पदस्थापित एसआई स्मृति ने पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के दौरान एसआई स्मृति एवं लाल बाबू, अभिषेक के साथ बदतमीजी और गाली-गलौज करने लगे। इसी दौरान जब अधिवक्ता साकेत ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो उक्त दोनों एसआई ने अधिवक्ता साकेत, अधिवक्ता मयंक शेखर ऐवं अधिवक्ता रजनीकांत सिंह के साथ धक्का मुक्की करने लगे। इसका विरोध किए जाने पर एसआई लाल बाबू ने अधिवक्ता को पिस्तौल दिखा कर जान से मारने की धमकी दी और उन पर हाथ उठाया। इस बात की शिकायत अधिवक्ता ने पटना के सिटी एसपी से भी की ।

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एडवोकेट एसोस‍िएशन ने पुल‍िस के खिलाफ खोला मोर्चा

हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए उक्त पुलिस कर्मियों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही करने हेतु नोटिस जारी किया था । सुनवाई में एडवोकेट एसोसिएशन के महासचिव शैलेंद्र कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया था कि पुलिस वालों की मनमानी काफ़ी बढ़ गई है। आए दिन सुनने में आता है कि पुलिस वकीलों एवं आम जनता के साथ बेहद बेरुख़ी से पेश आती है। इनके ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।

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