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मोदी हैं तो डर किस बात की… यूक्रेन में फंसे बिहार दरभंगा के 13 बच्चे, परिजनों को PM पर विश्वास

PATNA-जब प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं तो डर किस बात की। बच्चे सकुशल घर वापस आएंगे, यूक्रेन में फंसे हैं 13 छात्र-छात्राएं, एक ही परिवार के हैं तीन, कल तक आने की उम्मीद, यूक्रेन में रहने वाले बच्चों के अभिभावक से बातचीत करते डीएम।यूक्रेन में फंसे मिश्र टोला के बच्चे की चिंतित दादी और माता : यूक्रेन की राजधानी कीव, खारकोव सहित देश के विभिन्न हिस्सों में रूसी सेना के लगातार हो रहे आक्रमण की वजह से जिले के भी कई परिवारों में भय का आलम है। क्योंकि एक ओर जहां एक ही परिवार के तीन मेडिकल छात्रों के अलावा वहां 10 अन्य छात्र भी वतन वापसी को लेकर फंसे हुए हैं। उनके परिजनों में मायूसी छायी हुई है। हालांकि सभी छात्रों के तीन मार्च तक लौटने की उम्मीद की जा रही है।

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बताया जाता है कि दिग्घी पश्चिम मिश्र टोला मोहल्ला के डॉ. मृदुल शुक्ला के बड़े भाई अतुल शुक्ला के पुत्र अंशुल और संभव और ममेरे भाई अविनाश दीक्षित के पुत्र विनीत यूक्रेन से रोमानिया पहुंच चुके हैं। इन छात्रों समेत जिले के 13 छात्रों को आठ-दस घंटों तक बंकर में समय बिताना पड़ा था। पानी और टॉफी खाकर तीन दिनों तक रहना पड़ा। अब वे रोमानिया से 450 किलोमीटर दूर बुखारेस्ट एयरपोर्ट पर पहुंच गए हैं। बुधवार को वहां से उड़ान की संभावना है। डॉ. शुक्ला ने बताया कि बच्चों को काफी परेशानी और दिक्कत के बीच एयरपोर्ट पहुंचना पड़ा। मगर यहां की सरकार ने व्यवस्था कर वहां से लाने का इंतजार कर दिया है।

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कल नहीं तो परसों तक आने की संभावना है। यह सभी यहां से मेडिकल की पढ़ाई के लिए वहां गए थे। वैसे तो यहां आने का टिकट 15 मार्च का था ही। मगर हालात खराब होने के बीच जीवन-मौत के तांडव ने परिजनों के साथ-साथ बच्चों को भी दहशत में डाल दिया है। कुछ बच्चों के साथ मारपीट और लड़कियों के साथ गलत व्यवहार भी किया गया है। वहां के आम लोगों को कोई परेशानी नहीं है। मगर छात्रों और बाहर के लोगों को कड़ी पाबंदी के बीच परेशान कर यातनाएं दी गई हैं। बच्चों से डीएम राजीव रौशन भी संपर्क किए हैं। उन्होंने भी उन बच्चों को लाने की पहल की है।

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जब पीएम मोदी व सीएम नीतीश हैं तो डर किस बात की, लौटेंगे हमारे बच्चे

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बेनीपुर | यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे बेनीपुर अनुमंडल के मेडिकल छात्राें के परिजन अपने बच्चे काे लेकर डरे-सहमे हैं। नवादा, बसुहाम एवं मोतीपुर गांव के 3 बच्चे यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। नवादा गांव के जोगी साहु का पुत्र गणेश कुमार साहु, अलीनगर प्रखंड के मोतीपुर गांव निवासी हरिश्चंद्र साहू का पुत्र दीपक साहू एवं बसुहाम गांव के हुसैन अहमद का पुत्र सैफ अहमद यूक्रेन में फंसे हैं। मंगलवार को एसडीओ शंभूनाथ झा नवादा एवं मोतीपुर गांव पहुंचकर छात्रों के परिजन से मिले। उन्होंने केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय और राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग एवं स्थानीय प्रशासन का मोबाइल नंबर दिया। उन्होंने बताया कि जब कोई परेशानी हो तो फोन पर जानकारी देते रहे। इस दौरान गणेश की माता रेखा देवी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं तो डर किस बात की। बच्चे सकुशल घर वापस आएंगे।

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यूक्रेन में रहने वाले बच्चों को जल्द लाएगी सरकार, की जा रही है व्यवस्था : डीएम
दरभंगा | मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के आदेश पर डीएम राजीव रौशन मंगलवार को अभिभावकों से मिलने उनके घर पहुंचे। लहेरियासराय थाना के लालबाग, वार्ड नंबर 31 के मो राशिद आलम व उनके परिजनों से मुलाकात कर उनकी बेटी मारया राशिद के संबंध में तथा मिश्रा टोला, दिग्गी पश्चिमी, डॉ मृदुल शुक्ला से मुलाकात कर यूक्रेन में रह रहे उनके भतीजे अंशुल शुक्ला व संभव शुक्ला एवं ममेरे भाई के पुत्र विनीत दीक्षित के संबंध में जानकारी ली। कई जगहों पर वीडियो कांफ्रेसिंग से बात भी की। उन्होंने बच्चों के परिजनों से कहा कि केंद्र सरकार यूक्रेन के सीमावर्ती देशों के दूतावास के संपर्क में हैं और प्रयासरत है कि जल्द से जल्द सभी को भारत लाया जा सके। इस आपातकालीन घड़ी में धैर्य रखने की आवश्यकता है। दिल्ली एवं मुंबई हवाई अड्डा से बिहार सरकार अपने खर्च पर यहां के छात्र-छात्राओं एवं लोगों को पटना ला रही है। पटना से उनके घर तक पहुंचा रही है.

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