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मुंगेर में 22 फर्जी नर्सें बिना हाजिरी के उठा रही थी वेतन, फिर मामले का ऐसे हुआ खुलासा

6 अगस्त 2020 से 6 जून 2022 तक बिहार के मुंगेर जिले में कुल 86 जीएनएम द्वारा राज्य स्तर से नियुक्ति के बाद मुंगेर जिले में योगदान दिया गया था. जहां से उन्हें जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर पदस्थापित किया गया था. इतना ही नहीं जिसमें से सदर अस्पताल में 3, अनुमंडलीय अस्पताल हवेली खड़गपुर में 7, सीएचसी हवेली खड़गपुर में 3, संग्रामपुर में 2 तथा तारापुर में 7 नव नियुक्त जीएनएम का निबंधन प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया.प्रमोटेड कंटेंट

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जानकारी के लिए बता दें कि मुंगेर सदर अस्पताल सहित तारापुर, हवेली खड़गपुर और संग्रामपुर प्रखंड के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थापित 22 फर्जी निबंधन प्रमाण-पत्र वाले जीएनएम पर तीन दिन बाद भी संबंधित स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है. जबकि इन 22 फर्जी निबंधन प्रमाण-पत्र वाले जीएनएम पर प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर सिविल सर्जन द्वारा सभी संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था.

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गौरतलब है कि बिहार परिचारिका निबंधन परिषद निदेशक ने 18 जुलाई को ही सिविल सर्जन तथा संबंधित स्वास्थ्य संस्थान को पत्र के माध्यम से इन 22 जीएनएम का निबंधन प्रमाण-पत्र फर्जी होने की सूचना पत्र के माध्यम से दी है. हालांकि जिसके बाद 23 जुलाई को सिविल सर्जन डॉ पीएम सहाय ने संबंधित स्वास्थ्य संस्थान को 2 दिन के अंदर फर्जी जीएनएम पर कार्रवाई करने तथा इसकी सूचना दिये जाने निबंधन प्रमाण-पत्र फर्जी होने की सूचना पत्र के माध्यम से दी गयी है. जिसके बाद 23 जुलाई को सिविल सर्जन डॉ पीएम सहाय ने संबंधित स्वास्थ्य संस्थान को 2 दिन के अंदर का निर्देश दिया था. इसके साथ ही इन फर्जी जीएनएम से अबतक से वेतन सहित अन्य मद में प्राप्त राशि एकमुश्त वसूले जाने का आदेश भी दिया गया है.

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