झंझारपुर-सहरसा नए रुट पर सात मई से चलेगी ट्रेन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव हरी झंडी दिखाकर करेंगे रवाना। 1934 के प्रलयंकारी भूकंप में विभक्त कोसी-मिथिला का होगा मिलन : कोसी और मिथिला क्षेत्र के लिए यह सप्ताह ऐतिहासिक होगा। नए रूट पर झंझारपुर-सहरसा के बीच इसी सप्ताह पैसेंजर स्पेशल ट्रेन चलेगी। संभावना है कि उदघाटन स्पेशल सात या आठ मई को चले। हालांकि रेल सूत्र इस सप्ताह उद्घाटन स्पेशल ट्रेन नहीं चलने पर अगले सप्ताह जरूर चलने की बात कह रहे हैं।
उद्घाटन स्पेशल ट्रेन झंझारपुर से खुलकर तमुरिया, निर्मली, आसनपुर कुपहा, सरायगढ़, सुपौल होते सहरसा पहुंचेगी। ट्रेन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रेल मंत्री रवाना करेंगे। दोपहर दो बजे कार्यक्रम होगा। सूत्रों की माने तो नए रूट पर उदघाटन के बाद सहरसा-दरभंगा अप डाउन ट्रेन चलने लगेगी। नए रूट पर ट्रेन परिचालन शुरू होने से कोसी और मिथिलांचल क्षेत्र की लाखों की आबादी को फायदा होगा। उनका सफर कम समय और खर्च में पूरा हो जाएगा।
अभी मानसी, खगड़िया, समस्तीपुर होकर दरभंगा पहुंचने में जानकी एक्सप्रेस ट्रेन से सवा चार घंटे लग जाते हैं। यह नए रूट सरायगढ़, निर्मली, झंझारपुर होकर एक्सप्रेस ट्रेन से तीन से सवा तीन घंटे में ही पूरा हो जाएगा। सूत्रों की मानें तो अभी शुरुआत में पैसेंजर ट्रेन चलेगी जिससे नए रूट पर सहरसा से दरभंगा का सफर चार घंटे या उससे अधिक समय में पूरा होगा। सहरसा से सरायगढ़, निर्मली, झंझारपुर होकर दरभंगा की दूरी सिमटकर मात्र 125 किमी की हो जाएगी।
1934 के प्रलयंकारी भूकंप में विभक्त कोसी-मिथिला का होगा मिलन
वर्ष 1934 के प्रलयंकारी भूकंप में विभक्त कोसी-मिथिलांचल क्षेत्र का रेल के जरिए एक बार फिर से मिलन होगा। 87 साल बाद एक बार फिर से सहरसा से निर्मली, झंझारपुर होकर दरभंगा तक ट्रेन आएगी और जाएगी। ट्रेन सेवा से वंचित कई इलाका रेल संपर्क से जुड़ जाएगा। समस्तीपुर मंडल के डीआरएम आलोक अग्रवाल ने कहा कि नया रूट झंझारपुर से शुरू होता है। इस कारण उदघाटन वाले दिन झंझारपुर से सहरसा तक उदघाटन स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। इसी सप्ताह या अगले सप्ताह नवनिर्मित रेलखंड के चालू होने की संभावना है।
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