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भारत की पहली ट्रक मैकेनिक महिला जो हाँथो में चूड़ियों के साथ हथौड़े भी खनखनाती हैं

जैसा कि हम जानते है कि शुरू से ही महिलाएँ कभी किसी से कम नहीं रही है चाहे वह क्षेत्र कोई से भी हो महिलाएँ किसी सीमित क्षेत्र की पाबंद नही है। हमेशा से ही पुरुष प्रधान क्षेत्रों में भी महिलाओँ का दमखम देखा जाता रहा है। तो आईए आज हम एक ऐसी ही जानकारी देने वाले है जिसमे महिलाओं के दृढ़संकल्प को पारदर्शिता करता है।

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आपने आज तक ट्रक मैकेनिक के रूप में केवल पुरुषों को ही देखा होगा और कभी भी इस रूप में महिला के बारे में सोचा नही होगा । लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश भारत की एक महिला भी यह काम करने से पीछे नही हटी।

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आज के समय में महिलाएँ न सिर्फ अपने घर की जिम्मेदारी संभाल रही है, बल्कि अपने घर और बाहर की भी जिम्मेदारियाँ भी संभालते हुए हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है । शहर में रहने वाली या फिर पढने वाली महिलाओं या लड़कियों के बारे में कहा जाता है कि शहरो की लड़कियाँ मॉर्डन रहती है, वो गाँव की जिंदगी नही पसंद करती, उनसे बहुत दूर रहती है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नही है । चाहे गाँव हो या शहर आज की महिलाएँ हर क्षेत्र में पुरुषों के समान ही अपना योगदान दे रही है।

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हमारे देश भारत मे इसके बहुत सारे उदाहरण भी देखे जाते है। 55 साल की शांति देवी भारत की पहली महिला मैकेनिक ( India’s First Female Mechanic ) है, जी ट्रकों को क्षण भर में सही कर देती है। ट्रक के बडे-बड़े टायरों को बदलना तो उनके लिए बाएँ हाथ का खेल है। दिल्ली के बाहरी इलाके में नेशनल हाइवे 4 पर संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर डिपो है, जहाँ आपको शांति देवी ट्रकों के बीच काम करती नजर आ जायेगी।

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मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि, यहाँ रोज तकरीबन 4000 ट्रक बनने के लिए आते है। जिसकी वजह से यहाँ पर करीब 80,000 से भी ज्यादा लोगों को रोज़गार का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है। इन्हीं में से एक है शांति देवी। इन्हें देश की पहली ट्रक मैकेनिक कहा जाता है। शांति ट्रक रिपेयर की अपनी दुकान में वो सभी कार्य करती हैँ, जो कोई भी दूसरा ट्रक मैकेनिक करता है।

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मैकेनिक शांति मिनटों में भारी भरकम ट्रक के टायर बदलकर उसे ठीक कर देती है । शांति क्री टपरीनुमा रिपेयर शॉप कॅ बाहर ट्रकों की कतार लगी रहती है। जहाँ सभी ट्रक मालिक चाहता है कि, शांति या फिर उनका पति राम बहादुर ही उनकी ट्रकों क्ती सर्विसिंग करें। हाल ही में भी केद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने टवीट किया था हम सब सुनते हैं कि महिलाओँ को कौन-कौन से काम करने चाहिए लेकिन 55 साल की शांति देवी ने उन सभी रिकॉर्ड को तौड़ दिया है ओर वह ट्रक मैकेनिक के रूप में काम कर रही है । मत्तभेद को खत्म करने के लिए हमें शांति देवी जैसी और साहसी महिलाओ की आवश्यकता है।

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input – daily bihar

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