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बिहार राज्य के सभी जिलों से होकर गुजरेगी ये 5 एक्सप्रेसवे, इन जिलों को होगा बड़ा फायदा

केंद्र सरकार ने वाराणसी- कोलकता एक्सप्रेसवे को मंजूरी दे दी है इसके साथ ही राज्य में 5 और एक्सप्रेसवे का निर्माण होगा। यह 8 लेन होगा का नया ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होगा जो बिहार राज्य में लगभग 159 किमी तक कवर करेगा। कैमल, रोहतास, औरंगाबाद, गया, झारखंड बोकारो, रांची होते हुए पश्चिम बंगाल के पुरुलिया तक जाएगा। आपको बता दें कि बिहार से होते हुए पटना कोलकाता और गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे भी प्रस्तावित है। साथ ही बिहार का पहला एक्सप्रेसवे औरंगाबाद-जयनगर एक्सप्रेसवे दूसरा रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे तीसरा पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे, चौथा बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे और अब राज्य का पांचवां एक्सप्रेसवे वाराणसी-कोलकाता है। इन पांचों एक्सप्रेसवे के निर्माण से बिहार के सभी जिले कवर हो जाएंगे। पहले एक्सप्रेसवे औरंगाबाद-जयनगर के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण हो गया है

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यह एक्सप्रेसवे गया से ये जहाबाद और नालन्दा के बॉर्डर से होते हुए पटना में कच्ची दरगाह में आएगी। यहां से बिदुपुर चकसिकंदर, महुआ (वैशाली) के पूरब होते हुए ताजपुर (समस्तीपुर) जाएगी। वहां से दरभंगा एयरपोर्ट के पास से होते हुए जयनगर में समाप्त होगी। औरंगाबाद से जयनगर तक की यह सड़क 271 किमी लंबी होगी। इस सड़क का गया और दरभंगा एयरपोर्ट से सीधा संपर्क होगा। मुख्यमंत्री ने इस पुल को ताजपुर तक जोड़ने को कहा है। इस तरह यह फोरलेन सड़क पटना के अलावा गया,औरंगाबाद, जहानाबाद, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा एवं मधुबनी समेत 8 जिलों से गुजरेगी।रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे: नेपाल सीमा पर स्थित बिहार का दूसरा एक्सप्रेस-वे छह से आठ लेन का होगा। इसका निर्माण अगले वर्ष से शुरू होगा। जो 54 हजार करोड़ की लागत से लगभग 695 किमी लंबा होगा, इसे पूरा करने का समय वर्ष 2024-25 रखा गया है।

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मिली जानकारी के मुताबिक रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे पूरी तरह ग्रीनफील्ड होगा, इसमें बीच में नहीं चढ़ा जा सकेगा। यह बिहार के 9 जिलों से होकर गुजरेगी, इनमें मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सारण, पटना, शेखपुरा, बिहारशरीफ, जमुई और बांका शामिल हैं। इसके बाद यह एक्सप्रेस-वे झारखंड में प्रवेश कर सरैयाहाट, नोनीहाट व दुमका से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ से हल्दिया पोर्ट जाएगा। बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे: बिहार का तीसरा एक्सप्रेस-वे अभी बक्सर से दिल्ली तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण जारी है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को ही भागलपुर को जोड़ा जाएगा। इसकी लंबाई 350 किमी होगी। इस एक्सप्रेस-वे का जुड़ाव गंगा में बने सभी पुलों से होगा बिहार के बक्सर, भागलपुर और पटना के बाद इसमें बिहार का भागलपुर भी जुड़ जाएगा।

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गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे: गोरखपुर से सिलीगुड़ी जाने वाले एक्प्रेस-वे का रूट बिहार के 10 जिलों में निर्धारित है। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण की सैद्धांतिक सहमति मिल गई है। यह एक्सप्रेसवे सबसे पहले गोपालगंज में प्रवेश करेगा, इसके बाद सिवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज होते हुए सिलिगुड़ी जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे पूरी तरह ग्रीनफील्ड होगा। पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे: यह एक्सप्रेसवे बिहार के 5 जिलों को कवर करेगा और पटना, नालन्दा (बिहारशरीफ), शेखपुरा, जमुई (सिकंदरा और चकाई), बांका के कटोरिया होते हुए मधुपुर, दुर्गापुर और पानागढ़ से होते हुए ढालकुनी से आगे जाएगा। बिहारशरीफ, सिकंदरा, चकाई से सीधे झारखंड में देवघर जिले के देवीपुर में एम्स को जोड़ने वाली प्रस्तावित फोरलेन सड़क को जोड़ते हुए मधुपुर की ओर निकल जाएगी। इससे देवघर की बिहार और बंगाल से कनेक्टिविटी बढ़ेगी। भारतमाला परियोजना फेज-2 के अंतर्गत ये ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पुराने भीड़भाड़ वाले राष्ट्रीय राजमार्ग NH-2 के विकल्प के रूप में कार्य करेगा।

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