इस बार कुल 224 नगरपालिका में चुनाव होने हैं। नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत में वार्ड के प्रत्याशियों को अपना ज्यादातर प्रचार बाइक के माध्यम से ही करना होगा।
बिहार निर्वाचन आयोग ने बहुप्रतीक्षित नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा कर दी गई है। इस बार कुल 224 नगरपालिका में चुनाव होने हैं।
इनमें 4875 वार्ड, 17 नगर निगम, 70 नगर परिषद और 137 नगर पंचायत की सीटें शामिल हैं। चुनाव में वार्ड पार्षद, मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद की लगभग 48% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई हैं।
आरक्षण की इस नई नीति के मुताबिक इस बार राज्य के शहरी क्षेत्रों 2316 महिलाएं अपने वार्ड का प्रतिनिधित्व करेंगी। वहीं 128 महिलाओं के हाथ शहर की कमान होगी।
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी डेटा के मुताबिक इस बार अनुसूचित जाति से 268, अनुसूचित जनजाति से 4, पिछड़ा वर्ग से 404 और अनारक्षित वर्ग से 1640 महिला पार्षद चुनी जाएंगी।
नामांकन के लिए खर्च होंगे 400 से 4 हजार रुपए
निर्वाचन आयोग की तरफ से नॉमिनेशन फीस की राशि भी निर्धारित कर दी गई है। ये आरक्षित और अनारक्षित वर्ग के लिए अलग-अलग होगा।
नगर पंचायत में अनारक्षित वर्ग के पार्षद को 400 रुपए, उप मुख्य पार्षद को 800 रुपए और मुख्य पार्षद को 800 रुपए नॉमिनेशन फीस के रूप में देना होगा।
वहीं नगर परिषद में पार्षद का 1000 रुपए, उप मुख्य पार्षद का 2 हजार रुपए और मुख्य पार्षद का 2 हजार रुपए नॉमिनेशन फीस रखा गया है।
वहीं नगर निगम में पार्षद का 2 हजार, उप मुख्य पार्षद का 4 हजार और मुख्य पार्षद का 4 हजार रुपए नॉमिनेशन फीस रखा गया है।
वहीं आरक्षित वर्ग और महिला प्रत्याशी के लिए क्रमशः हर वर्ग में नॉमिनेशन फीस की राशि घटा कर आधी कर दी गई है।
गली-गली बाइक से ही घूमना होगा
निर्वाचन आयोग ने इस बार प्रचार में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों पर भी पाबंदी लगा दी है। नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत में वार्ड के प्रत्याशियों को अपना ज्यादातर प्रचार बाइक के माध्यम से ही करना होगा। वो तय संख्या में।
पार्षद को दो तो मुख्य पार्षद को अपने प्रचार के लिए 16 बाइक के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है। जबकि पार्षद एक लाइट मोटर व्हीकल इस्तेमाल कर सकते हैं तो मुख्य पार्षद के प्रत्याशियों को 8 हल्के वाहन के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है।
Comment here