देश की सबसे बड़ी साइंस सिटी बिहार की राजधानी पटना में बनाई जा रही है। इस साइंस सिटी का निर्माण राजेंद्र नगर में मोइनुलहक स्टेडियम के पास 20.48 एकड़ में किया जा रहा है।
इसका नाम पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है। साइंस सिटी का निर्माण बेंगलुरु की फ्लाई एलिफेट कंपनी कर रही है। इसके निर्माण कार्य पर 640 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
अत्याधुनिक सुविधाओं से होगा लैस
इसमें 200 बच्चों के रहने की भी व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा कई तरह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी। दरअसल, राज्य सरकार बच्चों में तकनीकी जानकारी बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसके तहत ही साइंस सिटी का निर्माण करवाया जा रहा है।
इसके अलावा सूबे के 31 जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज बनाए जाएंगे। अब तक 22 जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण कार्य पूरा भी करा लिया गया है। वहीं, आठ कॉलेजों का निर्माण चल रहा है।
उम्मीद है कि, दिसंबर तक यह बनकर तैयार हो जाएंगे। इनमें शेखुपरा, खगड़िया, समस्तीपुर, शिवहर, कटिहार, बक्सर, आरा और सीवान शामिल हैं।
चार पॉलिटेक्निक कॉलेज भी बनकर तैयार हैं। इनमें अरवल, जहानाबाद, पश्चिम चंपारण और भोजपुर शामिल है।
मुजफ्फरपुर में बनेगा तारामंडल एवं स्पेस रिसर्च सेंटर
मुजफ्फरपुर में तारामंडल एवं स्पेस रिसर्च सेंटर खोला जा रहा है। इसका निर्माण कार्य 2022 में पूरा कर लिया जाएगा। इसके निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।
इसे खोले जाने के लिए स्थल चयन किया जा रहा है। स्पेस रिसर्च सेंटर खोले जाने को लेकर दिल्ली से स्पेस इंडियन समूह के विशेषज्ञ और अधिकारियों को बुलाया गया है।
इन्होंने मुजफ्फरपुर आने का आमंत्रण स्वीकार किया है और जून में आने पर अपनी सहमति जताई है।
स्थल चयन के बाद निर्माण कार्य शुरू
रिसर्च सेंटर की स्थापना के लिए स्थल चयन होने के बाद पीपीपी मोड पर तारामंडल एवं स्पेस रिसर्च सेंटर का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। चूंकि 2022 में ही इसे पूरा करना है।
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, स्पेस रिसर्च सेंटर के निर्माण पर करीब 5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इतना ही नहीं, गया और भागलपुर में भी तारामंडल का लोग आनंद ले सकेंगे।
यहां तारामंडल का निर्माण कार्य चल रहा है। अब तक विभागीय अधिकारियों का कहना है कि, नए साल के मध्य में निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। यहां के लोग भी खगोलीय दुनिया का आनंद ले सकेंगे। उसे करीब से देख सकेंगे।
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