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बिहार में बदलेगा शराबबंदी कानून, न जीवन में कभी चुनाव लड़ पाएंगे, न सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा

PATNA-बिहार सरकार बहुत जल्द शराबबंदी कानून में बड़ा बदलाव करने जा रही है। अगर ऐसा हो जाता है तो सच मानिए नीतीश सरकार के लिए यह ना सिर्फ ऐतिहासिक फैसला होगा बल्कि देश भर के लिए एक नया उदाहरण साबित होगा। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार अगर कोई आदमी शराब पीते पकड़ा गया तो उसपर आजीवन प्रतिबंध लगाया जा सकता है। वह जीवन में ना तो कभी कोई भी चुनाव लड़ पाएगा ना किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पाएगा। इससे पहले नीतीश सरकार ने कानून में बदलाव करते हुए उन लोगों को राहत दिया था जो पहली बार शराब पी​ते पकड़े गए थे। नियम अनुसार उनसे मात्र हर्जाना भरवाकर उन्हें छोड़ने का फैसला लिया गया था।

शराब पीने व बेचने के आरोपी काे चुनाव लड़ने से रोकने की तैयारी : मद्य निषेध अधिनियम के तहत शराब पीने या बेचने के आरोप में पकड़े जाने वाले व्यक्ति काे सभी तरह की सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित करने की तैयारी है। शराब मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति पंचायत, विधान सभा, लोकसभा चुनाव या फिर किसी भी प्रकार का चुनाव से लड़ने पर रोक लगाने की तैयारी चल रही है। इस मामले पर मद्य निषेध उत्पाद व निबंधन विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसको लेकर शुक्रवार को विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक हुई। विभिन्न विभागों की योजनाओं की जानकारी ली गई। शराब मामले में दोषी व्यक्ति को किस तरह योजनाओं से वंचित किया जा सकता है, इस पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों की राय ली गई।

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विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ की बैठक : कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि खेताें पुआल जलाने वाले किसान काे विभाग की याेजनाअाें के लाभ से तीन साल तक वंचित किया जाता है। एक टन पुआल जलने से 1460 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड, 60 किलो कार्बन मोनो ऑक्साइड और 2 किलोग्राम सल्फर डाइऑक्साइड गैस निकलता है। यह पर्यावरण को प्रदूषित करता है। बैठक में स्वास्थ्य, निर्वाचन, पथ निर्माण, सहकारिता, समाज कल्याण, ग्रामीण विकास विभाग, कृषि, उद्योग और शिक्षा सहित 16 विभागों के अधिकारी शामिल हुए। राज्य में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से कई कदम उठाए गए हैं। दोषियों पर कई तरह की सख्ती की गई है। अब सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित करने की तैयारी है।

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