बिहार में एक शादी का कार्ड चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रदेश के नवादा में विवाह के आमंत्रण को लेकर बनवाए गए कार्ड के डिजाइन को देखकर लोग कन्फ्यूज हो गए हैं कि आखिर ये आधार कार्ड है या फिर शादी का निमंत्रण कार्ड।
मंगलवार को पुरानी बस स्टैंड निवासी संतोष वर्मा अपने विवाह का कार्ड अपने मित्र और जान पहचान के लोगों के बीच बांटना शुरू किए तो उनकी शादी का कार्ड को लेकर खूब चर्चा हो रही है।
शादी का कार्ड बहुत हटकर बना है। हाथ में लेकर अगर लोग घर जा रहे थे तो घरवाले पूछ रहे थे कि किसका आधार कार्ड है।
कार्ड पर फोन पे का बार कोर्ड भी है
शादी के निमंत्रण को लेकर छपे इस कार्ड को आधार कार्ड जैसा रूप दिया गया है। निमंत्रण कार्ड पर फोन पे का बारकोड भी दिया गया है।
यानि निमंत्रण में पहुंचकर आप स्वेच्छा से दिए जाने वाले उपहार राशि भी आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं। पूरी तरह से डिजिटल इंडिया का ख्याल रखा गया है।
इन सभी खूबियों को और यूनिक कार्ड को देखकर लोग चर्चा कर रहे हैं। जिस जगह पर आधार कार्ड का नंबर होता है उस जगह पर विवाह और प्रीतिभोज की तिथि अंकित है।
शादी का कार्ड है या फिर आधार कार्ड
एक नजर में अगर कोई देखेगा तो उसे पता ही नहीं चलेगा कि शादी का कार्ड है या फिर आधार कार्ड। इसका लिफाफा भी उसी तरह से तैयार किया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले गोपालगंज में भी एक शादी में डिजीटल पेमेंट का मामला सामने आया था। कुचायकोट थाना क्षेत्र के बेलबनवा गांव से एक बारात थावे प्रखंड के इन्दरवां गांव में आई थी।
इस शादी के दौरान पंडाल के बाहर एक पोस्टर लगाया गया था, जिसमें फोन पे का बार कोड अंकित किया गया था। वहां बैठे एक युवक ने जानकारी दी थी कि पीएम मोदी की डिजीटल इंडिया व कैशलेस से प्रभावित होकर हम लोगों ने यह पहल की है। इससे हिसाब में भी गड़बड़ी नहीं होती।
Comment here