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बिहार के जमुई में सोना और लोहा के बाद मिला “ब्लैक गोल्ड” का भण्डार, प्रशासन हुआ अलर्ट

पानी की परेशानी से निजात दिलाने के लिए रविवार को हैंडपंप के लिए बोरिंग का काम शुरू किया गया। लगभग 50 फीट के बाद काला पत्थर और कोयले जैसी चीज बड़ी मात्रा में निकलना शुरू हो गया। गांव वालों का कहना है कि इस गांव में जब भी बोरिंग किया गया है तो इसी तरह से कोयले का अंश निकला है।

बिहार के लिए अच्‍छी खबर है. सोने और लोहे का भंडार मिलने के बाद अब जमुई जिले में कोयले का विपुल भंडार होने की संभावना बढ़ गई है। सरकारी हैंडपंप के लिए बोरिंग का काम चल रहा था।

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50 फीट तक पाइप जाने के बाद कोयले का अंश आने लगा। कोयला निकलने के बाद ग्रामीण और स्‍थानीय प्रशासन भी हैरान रह गया। इससे जमीन के अंदर कोयले का भंडार होने की संभावना है।

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आपको बता दें कि जमुई में सोने और लोहे का भंडार मिलने की बात सामने आ चुकी है। अब जमीन के अंदर कोयले का भंडार होने की संभावना सामने आने के बाद प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।

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जमीन के अंदर कोयले की खान होने की संभावना

जिले में सोना और लोहा के बाद जमीन के अंदर कोयले की खान होने की संभावना है। जमुई के बरहट प्रखंड के भट्ठा गांव में सरकारी चापाकल की बोरिंग के दौरान बड़ी मात्रा में कोयले का अंश निकला है।

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Boring was being done for the government hand pump in Jamui, when the coal fraction started coming out.
जमुई में सरकारी हैंडपंप के लिए बोरिंग की जा रही थी, जब कोयले का अंश निकलने लगा

इसके बाद गांव वालों में चर्चा होने लगी है कि यहां जमीन के अंदर कोयले का भंडार है। भट्टा गांव में पानी की परेशानी को लेकर पीएचईडी विभाग बोरिंग करवा रहा था। बताया जा रहा है कि 50 फीट के बाद ही कोयले का अंश मिलना शुरू हो गया।

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ग्रामीण क्‍या कहते हैं?

पानी की परेशानी से निजात दिलाने के लिए रविवार को हैंडपंप के लिए बोरिंग का काम शुरू किया गया। लगभग 50 फीट के बाद काला पत्थर और कोयले जैसी चीज बड़ी मात्रा में निकलना शुरू हो गया।

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गांव वालों का कहना है कि इस गांव में जब भी बोरिंग किया गया है तो इसी तरह से कोयला का अंश निकला है। गांव के लोग इसकी जांच की मांग करने लगे हैं।

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40 से 50 फीट की गहराई से कोयला मिलना शुरू

भट्टा गांव के सादे कोड़ा ने बताया कि गांव में जब भी चापानल के लिए बोरिंग हुआ तब यही देखने को मिला है। 40 से 50 फीट की गहराई से कोयला मिलना शुरू हो जाता है।

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ग्रामीणों को पूरा भरोसा है कि जमीन के अंदर कोयला है। यही बात भट्टा के पड़ोसी ललमटिया गांव के प्रमोद चौधरी ने भी कही। ग्रामीणों का कहना है कि बोरिंग के दौरान निकला मलवा में कोयले ही है। ग्रामीणों का कहना है कि इसे जलाने का प्रयास किया गया तो वह ठीक कोयले की तरह जलता है।

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प्रशासन अलर्ट

बताते चलें कि साल 2007-08 में इसी इलाके के गुरु माह में कोयले की संभावना को लेकर जिला प्रशासन ने सर्वे का काम शुरू कराया था, लेकिन वह अधूरा रह गया।

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अब एक बार फिर जब बोरिंग के दौरान कोयले का अंश मिलने की बात सामने आई तो प्रशासन सतर्क हो गया है. डीएम अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कई जगहों पर खनिज संसाधन मिलने के मामले सामने आए हैं।

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जमुई जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जमीन के अंदर कई तरह के खनिज हैं। भट्टा गांव में बोरिंग के दौरान कोयला मिलने के मामले में संबंधित विभाग के अधिकारी से बात की जा रही है। कोयले की संभावना को देखते विभाग को निर्देशित कर इसकी जांच करवाई जाएगी।

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