Bihar Multi Modal Connectivity Hub: राज्य सरकारों से प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत मल्टी मोडल कनेक्टिविटी का हब बनाने का प्रस्ताव मांगा गया है। गति से प्रगति थीम पर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार लगातार योजनाएं बना रही है। इसी क्रम में बिहार में गंगा नदी पर बन रहे 14 पुल, चार एक्सप्रेसवे, बुलेट ट्रेन चलाने जैसी योजनाओं पर भी कार्य आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में बिहार में कई ऐसे शहरों का चयन किया जा रहा है जहां मल्टी मोडल कनेक्टिविटी हब बन सके। यानी ऐसे शहर जो जल, रेल व सड़क मार्ग से जुड़े हों वहां लॉजिस्टिक के लिए एक ही स्थल पर जंक्शन विकसित किए जा सकें।
यानी आने वाले दिनों में बिहार के कई शहरों में सड़क मार्ग, रेल मार्ग और जलमार्ग एक दूसरे से कनेक्टेड मिलेंगे। इससे यह फायदा होगा कि जल मार्ग से आए हुए माल को सीधा रेल मार्ग से देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जा सकेगा। यातायात के एक तरीके से दूसरे में बिना किसी परेशानी के शिफ्ट हो सकेंगे। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की एजेंसियां मिलकर इसकी संभावना तलाश रही हैं।
स्थानीय स्तर पर होगा औद्योगिक विकास
बता दें कि राज्य सरकारों से प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत मल्टी मोडल कनेक्टिविटी का हब बनाने का प्रस्ताव मांगा गया है। बिहार में मल्टी मोडल कनेक्टिविटी हब को विकसित करना पटना, भागलपुर, हाजीपुर, कटिहार और बक्सर में संभव है। इन स्थानों पर संभावना तलाशी भी जा रही है। इन स्थानों पर जलमार्ग, सड़क मार्ग और रेलमार्ग को आसानी से एक स्थान पर जोड़ा जा सकता है।
इनके इर्द-गिर्द लॉजिस्टिक हब विकसित करने से स्थानीय स्तर पर औद्योगिक विकास भी हो सकता है। बड़े शहरों के अलावा ऐसे छोटे-छोटे ठिकानों की भी इस उद्देश्य से परख की जा रही है। मल्टी मोडल कनेक्टिविटी हब विकसित करने की योजना बना रहे राज्यों में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और छत्तीसगढ़ शामिल हैं।
बिहार सरकार लॉजिस्टिक पॉलिसी पर कर रही है काम
पीएम गति शक्ति योजना के तहत प्रस्तावित मल्टी मोडल कनेक्टिविटी हब को अंजाम देने के लिए बिहार सरकार आने वाली लॉजिस्टिक पॉलिसी में कई प्रावधान करने जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार उद्योग विभाग ने इस पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और जल्दी इसे राज्य मंत्रिपरिषद की सहमति के लिए पेश करने की तैयारी है। रेलवे की ओर से ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर समेत कई परियोजनाओं को राज्य की आधारभूत संरचना से कनेक्ट करना है, ताकि अर्थव्यवस्था को तेज करने वाले सभी कारक एक-दूसरे से जुड़कर गति पा सकें।
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