ADMINISTRATIONBIHARBreaking NewsMUZAFFARPURNationalPoliticsSTATE

बिहार के आर्ट शिक्षक की पत्तों पर अनूठी चित्रकारी, बच्चों को निशुल्क सीखा रहे ये कला

एक सरकारी स्कूल के आर्ट शिक्षक दुष्यंत अपनी चित्रकारी को साकार करने में लगे हैं। पत्तों पर भारत वर्ष के कई प्रमुख हस्तियों और राजनेताओं का जीवंत तस्वीरों को बनाया है। गांव के बच्चे-बच्चियों को निःशुल्क चित्रकारी सीखा रहे हैं।

बिहार के जमुई जिले के विट्ठलपुर गांव के एक सरकारी स्कूल के आर्ट शिक्षक दुष्यंत अपनी चित्रकारी को साकार करने में लगे हैं। आज पीपल, कटहल और आम के अलावे कई और पत्ते पर उनके द्वारा बनाए गए हर चित्र जीवंत दिखते हैं।

Sponsored

कला के क्षेत्र में उनकी रुचि बचपन से है। आज अपने चित्रकारी का जलवा पूरे शहर में बिखेर रहे है। दुष्यंत बताते हैं कि पेपर पर चित्रकारी करते-करते हमे लगा कि कुछ नया करना चाहिए। तभी हमने पत्तों पर चित्रकारी करने का मन बनाया। पीपल, आम, कटहल के पत्तों पर चित्रकारी करना शुरू किया।

Sponsored

Dushyant, an art teacher of a government school in Vitthalpur village of Jamui district

Sponsored

लोग आकर अपना चित्र बनवा रहे

6 महीने से कोशिश कर रहा था पत्ते पर चित्रकारी करने का तब जाकर सफलता मिली। आज दुष्यंत द्वारा कटहल, आम और पीपल के पत्तों पर भारत वर्ष के कई प्रमुख हस्तियों और राजनेताओं का जीवंत तस्वीरों को बनाया है।

Sponsored

First President Dr Rajendra Prasad made a picture on leaves

Sponsored

दुष्यंत द्वारा पत्तों पर बनाए गए तस्वीरों में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावे लता मंगेशकर और कई हस्तियों का तस्वीरों को बनाया गया है।

Sponsored

जो बिल्कुल जीवंत दिखते है। हाल ही में बिहार सरकार के मंत्री सुमित कुमार का भी पत्तों पर चित्र बना कर जिले में खूब सुर्खियां बटोरी। आज जिले के कई छोटे बड़े हस्तियां इनके पास आकर अपना चित्र बनवा रहे हैं।

Sponsored

दुष्यंत के पिता के नाम से जानने लगे लोग

दुष्यंत के पिता राजेंद्र मिश्र बताते हैं कि पहले मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा आखिर घंटो रूम बंद कर रात रात भर लाइट जला कर पत्तों पर क्या बनाता है।

Sponsored

मुझे लगा वह अपना समय बर्बाद कर रहा है। लेकिन धीरे धीरे इसके द्वारा बनाये गए पत्तो पर चित्रों हर तरह तारीफ होने लगा, अच्छी रिस्पांस मिलने लगी लोग हमें दुष्यंत के पिता के नाम से जानने लगे।

Sponsored

बच्चे एवं बच्चियों को कई वर्षों से दे रहे निशुल्क शिक्षा

दुष्यंत के पिता रवींद्र मिश्रा अपने गांव में बच्चे एवं बच्चियों को कई वर्षों से निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं। जिसे देख दुष्यन्त भी अपने पिता के पद चिन्हों पर चलकर गांव के बच्चे-बच्चियों को निःशुल्क चित्रकारी सीखा रहे हैं।

Sponsored

Children of Dushyant village should be taught free painting

Sponsored

अपनी कला का अलख जगा रहे है। दुष्यंत का कहना है कि हमारी चाहत है कि हर युवा कला के क्षेत्र में आगे बढ़कर कला प्रेम को जगाए।

Sponsored

Comment here