बिहार की राजधानी पटना के 24 समेत जिले के 342 तालाब चोरी हो गए! यह हकीकत है। चोर भी कोई और नहीं, हमारे-आपके बीच के ही हैं। इसके प्रमाण इन तालाबों में खड़ी इमारतें हैं। दरअसल, सरकारी रिकाॅर्ड में जिले में 342 तालाब हैं।
लेकिन, इन पर लोगों ने अवैध कब्जा कर मकान, दुकान-मार्केट जैसी संरचना खड़ी कर ली है। कई तालाबों का तो नामोनिशान मिट गया है। जैसे, शहर का सबसे बड़ा तालाब गुणसागर। संदलपुर मौजा स्थित इस तालाब का रकबा 18.05 एकड़ था।
20 साल पहले 18 एकड़ का तालाब अब बन गया 400 से अधिक घरों की कॉलोनी
मीडिया की टीम सबसे पहले उस जगह पर पहुंची, जहां पटना का सबसे बड़ा तालाब था। संदलपुर मौजा में स्थित गुणसागर नाम के इस तालाब का रकबा 18.05 एकड़ है। लेकिन, टीम जब वहां पहुंची,ताे तालाब एक छोटा हिस्सा भी नहीं मिला।
वर्तमान में यहा एक बड़ी कॉलोनी बस गई है, जिसमें 400 से अधिक घर है। काफी खोजबीन करने पर तालाब को पूर्व में जोतने वाले (मछली पालन करने वाले) रामप्रीत सहनी के पुत्र धर्मेंद्र सहनी मिले। काफी गुजारिश और मिन्नतों के बाद बातचीत को तैयार हुए। कहा- कोई फायदा नहीं है।
20 साल पहले जब तालाब पर अतिक्रमण हाे रहा था, तब कई बार विभाग से लेकर मंत्री तक को चिट्ठी लिखी। कुछ नहीं हुआ। 18 एकड़ के तालाब में अब 18 धुर भी नहीं बचा है। पहले कूड़ा भराना शुरू हुआ और फिर भरकर बेच दिया गया। बताया कि कभी तालाब हमारे पिता जी रामप्रीत सहनी, तो कभी नरेश सहनी जोतते थे। कई और लोग भी थे।
उसी से हम लोगों का जीविका चलता था। लेकिन, देखते-देखते सब कुछ खत्म हो गया। भास्कर टीम भी जब तालाब की जमीन को देखने के लिए पहुंची, तो वहां मकान बना मिला। वर्तमान में सड़कें अभी अधिकांश कच्ची हैं। नाला का निर्माण भी कम हीं हुआ है। बड़े-बड़े मकानों के बीच में कहीं-कहीं जमीन खाली है, लेकिन उसकी भी बाउंड्री हो चुकी है।
पृथ्वीपुर तालाब पर बन गया पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन का स्टैंड-अस्पताल
पृथ्वी पुर तालाब के रकवा की वास्तविक जानकारी विभाग के पास भी नहीं है। टीम जब वहां पहुंची और छानबीन की, तो पता चला कि पटना जंक्शन के करबिगहिया साइड वाले हिस्से का जो स्टैंड है, वह तालाब के ही हिस्से पर बना है।
लोगों ने बताया कि यह जो अस्पताल देख रहे हैं, वह भी तालाब पर ही ना है। इस संबंध में जिला मत्स्य पदाधिकारी मनीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि तालाब की जमीन पर स्टैंड बनाने की बात सही है। मापी करने पर ही सही रकबा की जानकारी मिल पाएगी।
गुणसागर तालाब के लिए सीओ से चार बार हुआ पत्राचार, अभी तक नहीं पूरी हुई मापी
गुणसागर तालाब की 18 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण हटाने संबंधित मापी प्रक्रिया केलिए जिला मत्स्य कार्यालय और अंचलाधिकारी के बीच 2021 और 2022 में अभी तक चार बार पत्राचार हो चुका है।
लेकिन, हकीकत यह है कि अभी तक इसकी मापी पूरी नहीं हो सकी है और यह भी तय नहीं हुआ है कि कितने अतिक्रमणकारियों ने कितनी जमीन पर अतिक्रमण किया है।
जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा अंचलाधिकारी पटना को जनवरी 2021 , 26 जून 2021, 29 दिसंबर 2021 एवं 21 जनवरी 2022 को पत्राचार किया और पूछा कि अब तक तालाब की पूरी जमीन की मापी हुई या नहीं और कितने अतिक्रमणकारी ने कितनी जमीन पर अतिक्रमण किया।
अंचाधिकारी जितेंद्र कुमार ने इन पत्रों के जवाब में अपर समाहर्ता राजस्व राजीव कुमार श्रीवास्तव को रिपार्ट दी है कि आबादी में बसे होने के कारण पूरी जमीन की मापी नहीं हो सकी है। अतिक्रमण वाद की कार्रवाई चल रही है, जिसका शीघ्र निष्पादन किया जाएगा।
पटना शहर में अतिक्रमित जलकर और तालाब
पटना शहर में 24 तालाब अतिक्रमित है। इसका रकबा 60 एकड़ से अधिक है। इसमें मरची-57, मरची-48, मरची-49, संदलपुर गुणसागर, नवरतनपुर, पृथ्वीपुर, चकअमानतपुर, हनुमान नगर, सैदपुर, सिमरी मुराहपुर, नगला सिटी, रसीदाचक, नंदलाल छपरा, महमदपुर, सोनवां, बहादुरपुर, रानीपुर-41, रानापुर-42, रानीपुर-43, रानीपुर-44, रानीपुर-45, रानीपुर-46, रानीपुर चकिया, छोटी पहाड़ी शामिल है।
जिले में प्रखंड वार अतिक्रमित तालाब की सूची
जिले के बाढ़ प्रखंड में 2, बेलछी में 2, घोसवरी में 4, बख्तियारपुर में 13, दनियावां में 17, बिहटा में 11, दानापुर में 35, मनेर में 15, सदर प्रखंड में 24, पंडारक में 24, मोकामा में 4, फुलवारी शरीफ में 58, नौबतपुर में 18, संपतचक में 6, धनरूआ में 14, मसौढ़ी में 27, फतुहा में 12, दुल्हिनबाजार में 9, पुनपुन में 5, पालीगंज में 29, खुसरूपुर में 9, अथमलगोला में 4 जलकर और तालाब अतिक्रमित है।
पटना के प्रमुख तालाबों की वर्तमान स्थिति
1.चकअमानतपुर : विभाग के नजर में ट्रेसलेस है यह तालाब
2.नगला सिटी : पटना सिटी जंक्शन से 200 मीटर लगभग दाहिने रेलवे लाइन के दक्षिण किनारे-किनारे रोड से करीब तीन-चार किलाेमीटर चलने पर नगर सिटी तालाब है। 2.32 एकड़ के इस तालाब में कई मकान बना लिए गए हैं। मिट्टी भरकर भी जगह-जगह अतिक्रमण किया जा रहा है।
3. नवरतनपुर : मीठापुर बस स्टैंड के गेट नंबर दो से पूरब के इलाके में यह तालाब स्थित है। यहां वर्तमान में स्थाई और अस्थाई मकान बन चुके हैं। अवैध ब्राउंड्री भी कुछ हिस्स में की गई है।
4.फतेहपुर : इस तालाब का रकवा करीब आठ एकड़ है। यह पुनपुन नदी के किनारे हैं। यहां तालाब के किनारे मिट्टी भरा हुआ है। बाकी में पानी है, लेकिन उसकी सफाई नहीं हुई है।
5.मरची : मरची के 48 नंबर तालाब में कई कच्चे पक्के मकान बने हैं। इस तालाब का रकवा 1.5 एकड़ है। वहीं, 49 नंबर में तालाब से सटे पक्का दुकान अतिक्रमण कर बना दिया गया है। यहां तालाब में पक्की सीढ़ी बनी हुई है। 57 नंबर तालाब के चारो ओर भी पक्के मकान अवैध रूप से बना दिए गए हैं। इसका रकवा 3.34 एकड़ है।
6.महमदपुर : पटना फतुहां फोरलेन के पास महमदपुर गांव में स्थित इस तालाब का रकवा लगभग दो एकड़ है। यहां तालाब में कूड़ा-कचरा डाला जाता है, जिससे स्थिति काफी दयनीय हो गई है। कुछ हिस्से में पानी है, लेकिन जलकुंभी से भरे होने के कारण तालाब किसी काम का नहीं है।
7. माधोपुर : पटना फतुहां फोरलेन के पास स्थित माधोपुर गांव के इस तालाब का रकवा करीब तीन एकड़ है। यहां तालाब में दुकान, घर, मंदिर अतिक्रमण कर बना लिया गया है।
8.हीरानंदपुर : पटना फतुहां फोरलेन के पास स्थित हीरानंदपुर गांव में स्थित इस तालाब का रकवा 1.49 एकड़ है। तालाब के कुछ हिस्से पर अतिक्रमण कर घर बना लिया गया है। बाकी के हिस्से में जलकुंभी भरा है।
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