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बिना फीस लिए पढ़ाया, बेटों की मौत देखी, ओडिशा के आदिवासी समुदाय से हैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

भारत को अपना 15वां राष्ट्रपति मिल गया है. द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) देश की दूसरी महिला और पहली आदिवासी राष्ट्रपति बन गई हैं. राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन (National Democratic Alliance, NDA) ने 21 जून को द्रौपदी को अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था.

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कौन हैं द्रौपदी मुर्मू?

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The Indian Express के लेख के अनुसार, द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून, 1958 को हुआ. 2022 में अपना जन्मदिन मनाने के अगले ही दिन उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुने जाने की खुशखबरी मिली. मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रही. द्रौपदी मुर्मू आज देश के पहले नागरिक बनने की दौड़ में शामिल हैं लेकिन उनका जीवन संघर्षों से भरा है.

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राजनैतिक सफ़र

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मयूरभंज, ओडिशा के बाइदापोसी गांव (Baidaposi Village) से ताल्लुक रखने वाली द्रौपदी मुर्मू पहले एक टीचर थीं. रायरंगपुर के श्री ऑरोबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में पढ़ाने के दौरान उन्होंने कोई सैलरी नहीं ली. 1997 में उनके राजनैतिक सफ़र की शुरुआत हुई. उन्होंने रायरंगपुर सिविक बॉडी के काउंसिलर और वायस चेयरपर्सन का पद संभाला. 1997 में ही उन्हें ओडिशा बीजेपी के एसटी मोर्चा के प्रेसिडेंट की कुर्सी संभालने का दायित्व मिला.

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2000 में जब बीजेपी और बीजू जनता दल की गठबंधन की सरकार बनी तब वे रायरंगपुर की विधायक बनीं. 2000 से 2004 के बीच वे ओडिशा सरकार के वाणिज्य और परिवहन मंत्रालय की मिनिस्टर ऑफ स्टेट के पद पर रहीं. मुर्मू ने राज्य के पशु पालन और मत्स्य पालन मंत्रालय का भी कार्य संभाला. 2007 में उन्हें बेस्ट एमएलए का पुरस्कार भी दिया गया.

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राष्ट्रपति ने बनाए कई रिकॉर्ड

NDA Presidential Candidate Draupadi Murmu Dainik Jagran

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मुर्मू ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे. वे देश के सबसे पिछड़े इलाके से आती हैं. निजी जीवन में भी उन्होंने बहुत दुख झेला. उनके पति और दो बेटों की मौत हो चुकी है. जीवन में इतने दुख-दर्द झेलने के बावजूद मुर्मू ने लोक सेवा करना नहीं छोड़ा. वे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाली झारखंड की पहली महिला राज्यपाल हैं. प्रतिभा पाटिल के बाद वे देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बन गई हैं. वे ओडिशा से देश की पहली महिला राष्ट्रपति हैं.

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विपक्षी पार्टियों ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना था. राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भरने की अंतिम तिथि 29 जून थी. वोटिंग 18 जुलाई को हुई और 21 जुलाई को वोटों की गिनती हुई. 24 जुलाई को राम नाथ कोविंद का कार्यकाल खत्म हो रहा है और 25 जुलाई को मुर्मू राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी.

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