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पूरे भारत में केवल वैशाली के इस गांव में बनती है तार की छड़ी, सभी जगह होता है सप्लाई

आपने अक्सर वृद्ध बुजुर्गों को डंडे या छड़ी के सहारे चलते देखा होगा और खासतौर से अगर आप वैशाली से है तो तार की छड़ी लिए हुए, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी की जो तार की बनी हुई छड़ी बुजुर्गों के वृद्धवस्था का सहारा बनती है वह केवल और केवल वैशाली में ही बनती है।

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जी हाँ, वैशाली जिले के अकबरपुर मलाही गांव में दर्जनों परिवार दशकों से इस कारोबार से जुड़े हुए हैं और छड़ी यहां बनाई जाती है। इस गांव की बनी हुई छड़ी महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश से लेकर देश भर में सप्लाई की जाती है।

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अकबरपुर मलाही गांव की महिला और पुरूष पिछले कई सालों से अपने हुनर के बदौलत गांव को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर लाने की कोशिश कर रहे हैं, यहां की बैसाखी और नवाब छड़ी की भी बहुत मांग है।

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एक मीडिया चैनल से बात करते हुए गांव की कारीगर इंदु शर्मा बताती हैं कि बीते 25 वर्षों से यह काम करती आ रही है, पूरे परिवार का भरण पोषण इसी पेशे से किया करते है। उन्होंने बताया कि लकड़ी की छड़ी हर जगह बनती है। लेकिन, तार के पेड़ की छड़ी सिर्फ अकबरपुर मलाही गांव में बनती है।

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पिछले 25 वर्षों से छड़ी बनाने के कारोबार से जुड़े अजय शर्मा ने बताया कि सरकार की तरफ से कोई मदद नही मिलता है। छोटे-मोटे प्राइवेट फाइनेंस कर्मी से लोन पर पैसा लेकर यह धंधा कर रहे हैं। अगर सरकार मदद करती तो इस उद्योग को आगे और बढ़ाते। लेकिन, सरकार से अभी तक कोई सहायता नहीं मिल सकी है।

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