जे. गोपीनाथ के पितां ऑटो चलाते है, उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी अच्छी नही थी परन्तु इसके बाद भी गोपीनाथ के पितां ने कभी उन्हें पैसो की कमी महसूस नही होने दी। ये उनके पिता का ही योगदान है जी वो आज फ्लाइंग अफसर बन गए है।
विजाग में उनके पिता ऑटो चलाते है, गोपीनाथ ने भारतीय सेना में एक कमिशन अधिकारी बन अपने माता-पिता का नाम रौशन किया है। गोपीनाथ के पितां का नाम सुरीबाबू है और वो अरिलोवा के एसआईजी नगर में रहते हैं।
गोपीनाथ के पितां ऑटो चालते थे, उन्हें काफी आर्थिक परेशानिया भी थी परन्तु उन्होंने हमेशा अपने बेटे को प्रोत्साहित किया और अपने बेटे के सपने को संभव करने में उन्होंने हमेशा अपने बेटे की मदद की। वो चाहते थे कि वो लोन लेकर अपने बेटे को इंजीनियरिंग कराए परन्तु गोपीनाथ ने उन्हें मना कर दिया क्योंकि उनका सपना सेना में अफसर बनने का था।
गोपीनाथ के दादा जी सेना में थे इसलिए उनकी भी ये इक्छा थी कि वो सेना में भर्ती हो, उन्होंने अपने सपने को साकार करने के लिए वो एयरमैन के रूप में IAF में शामिल हुए और अपने वायुसेना में अफ़सर बनने के सपने को साकार किया।
IAF में शामिल होने के बाद उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढाई आंध्रप्रदेश विश्विद्यालय से पूरी की। उसके बाद फ्लाइंग अफसर बन कर उन्होंने अपना सपना पूरा किया। गोपीनाथ के फ्लाइंग अफसर बनने के बाद उनकी बहन गौरी का कहना है कि उनका परिवार और पड़ोसी भी उनकी सफलता से उत्साहित हैं, उन्होंने वायुसेना के डुडीगल एकडेमी में गोपीनाथ की स्नातक समारोह की लाइव स्ट्रीमिंग देखी है, आगे उनकी बहन का कहना है कि गोपीनाथ वायुसेना में एक एयरमैंन के रूप में इसलिए भर्ती हुए क्योंकि उन्हें इस बात का पूरा विश्वास था कि वो एक दिन फ्लाइंग अधिकारी जरूर बनेंगे।
input – daily bihar
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