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पाकिस्तान बॉर्डर पर बिहार का लाल हुआ शहीद, सम्मान में शहर उमड़ा, पत्नी ने भी दी सलामी :

बिहार का लाल शहीद- सम्मान में शहर उमड़ा, “शहीद दिवाकर अमर रहे” गूंजा, पत्नी ने भी दी सलामी :

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NEW DELHI : पश्चिमी चंपारण जिले के गौनाहा के वीर जवान दिवाकर महतो भारत-पाकिस्तान सीमा पर शहीद हो गये। रविवार को उनके पैतृक गांव महुई में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर सेना के जवानों ने अपने वीर साथी को अंतिम सलामी दी। सेना के अधिकारियों ने श्मशान घाट पर पिता शंकर महतो को तिरंगा सौंपा। दिवाकर के पिता शंकर ने जवान बेटे के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण करते हुये कहा कि मेरा बेटा देश के लिये शहीद हो गया। उनके न रहने का गम जीवन भर रहेगा, लेकिन यह बात हमेशा दिलासा देगी कि उसने जाते जाते भी गर्व से मेरा सीना चौड़ा कर दिया। उन्होंने मेरा ही नहीं पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है।

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शहीद दिवाकर के घर पहुंचे हजारों लोग। लोगों ने शहीद दिवाकर जिंदाबाद, शहीद दिवाकर अमर रहे जैसे नारे लगाये।सेना के अधिकारियों ने बताया कि दिवाकर हाल ही में एक महीने की छुट्टी लेकर जम्मू ड्यूटी पर लौटे थे। भारत-पाकिस्तान सीमा से 150 मीटर की दूरी पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा था। इसी बीच दिवाकर के सीने में गोली लग गई। उसे बचाने का प्रयास किया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई।
उनके पार्थिव शरीर को ताबूत में रखकर जम्मू से हवाई मार्ग से पटना लाया गया।

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फूलों से सजी एंबुलेंस में शव को पटना के मुजफ्फरपुर लाया गया। फिर वहां से उसे शनिवार रात उसकी सेना की गाड़ी में तुर्कौलिया मध्य विद्यालय में रखा गया। जहां से रविवार सुबह उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिये उनके पैतृक गांव महुई ले जाया गया।
सेना के वाहन को देखते ही आसपास के गांवों से भारी भीड़ जमा हो गई। लोगों ने दिवाकर अमर रहे के नारे भी लगाये। करीब दो साल पहले दिवाकर की शादी महुई गांव में ही फूलकुमारी से हुई थी। उसकी गोद में ढाई महीने का एक लड़का है। दिवाकर के बड़े भाई ज्ञानचंद महतो भी सेना में हैं।

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शव को ताबूत में लेकर पहुंचे सेना के अधिकारियों ने बताया कि दिवाकर बेहद होनहार और फुर्तीले सिपाही थे। हाल ही में वह एक महीना छुट्टी बिताने के बाद जम्मू गये थे। दिवाकर के परिवार के सदस्यों को उनके अंतिम संस्कार के लिये सेना के जवानों द्वारा नकद और चेक भेंट किये गये।

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दिवाकर का जन्म साल 1995 में हुआ था। करीब दो साल पहले उनकी शादी महुई गांव में ही रामायण नाथ की बेटी फूल कुमारी देवी से हुई थी। गोद में उनका ढाई महीने का बेटा है। दिवाकर महतो वर्ष 2015 में सेना में शामिल हुये थे। उनकी पहली पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश में थी, दूसरी पोस्टिंग गुजरात के भुज में थी। सेना के जवानों ने बताया कि भारत-पाकिस्तान सीमा से 150 मीटर की दूरी पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा था, तभी यह घटना हुई।

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