पटना के सड़को में कचरा बीनने वाली बबीता को यूएन ने किया आमंत्रित, नीति आयोग के सीएईओ भी करेंगे मुलाकात
पटना के सड़कों में कचरा बीनने वाली बबीता देवी(Babita Devi) के संघर्ष की कहानी बिहार ही नही बल्कि पूरा देश सुनेगा। बबीता अपने संघर्ष के बदौलत आर्थिक, सामाजिक व पर्यावरण में बदलाव लाया है । नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत , यूएनडीपी (United Nation Development Programme) के स्थानीय प्रमुख शोको नोडा, एम्बेसी ऑफ जापान (embassy of japan ) के शींगो मयमोटो, आर्थिक सलाहकार योगीता स्वरूप , समेत अन्य लोगों ने बबीता को अपना विचार देशभर में रखने के लिए आमंत्रित किया है।
नीति आयोग(Niti Aayog) 25 जनवरी को जारी करेगा रिपोर्ट
नीति आयोग ने देश मे आर्थिक व सामाजिक स्थिति को देखते हुए पटना समेत 10 अन्य राज्यों का सर्वे किया है। इस सर्वे का रिपोर्ट 25 जनवरी को आएगा। जिसके बाद बैनर, पोस्टर, स्लोगन, छायाचित्र के माध्यमों के द्वारा प्रचार प्रसार किया जाएगा।
सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाती बबीता
पटना में करीब 12767 परिवार के करीब चार हज़ार लोग कचरा बीनते है। नीति आयोग ( Niti Aayog) के पदाधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि गर्दनीबाग में स्वच्छता केंद्र खुलने के बाद कचरा बीनने वालों की आय में वृद्धि हुई है ।
यहां के लोगों को जनधन योजना के तहत बैंक में खाता खुलवाए गए , प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री बीमा योजना , उज्वला योजना , समेत कई योजनाओं का लाभ उठा रहे है। लेकिन बबीता के पास जरूरी कागजात नहीं होने की वजह से वह सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाती है।
श्रम मंत्री से भी किया गया सम्मानित
बबीता बताती है वह गर्दनीबाग स्वच्छता केंद्र में डेढ़ साल पहले से काम कर रही है। इनके पति भी नगर निगम में दैनिक सफाई कर्मी है। इसके आगे बबीता बताती है कि वह और उसके पति दोनों का वेतन मिलाकर 16 हज़ार रुपये हो जाते है। जिससे वे अपने तीनो बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहती है । बबीता देवी को श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा द्वारा कोरोना वॉरियर्स भी सम्मानित किया गया।
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