कोर्ट ने सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट केस में अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सुपरटेक कंपनी को बड़ा झटका देते हुए कहा है कि नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के टॉवर-16 और 17 अवैध हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार मंगलवार को इन दोनों अवैध टॉवर्स को गिराने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि सुपरटेक कंपनी के ये दोनों टॉवर्स ही 40-40 मंजिला हैं और दोनों में करीब 1000 फ्लैट हैं।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने आदेश में कहा है कि सुपरटेक (Supertech) कंपनी को अपने दो टॉपर खुद के खर्च पर 3 माह के अंदर गिराना होंगे। इसके अलावा कोर्ट ने खरीदारों को 2 महीने में ब्याज समेत पैसे वापस करने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि टॉवर नोएडा अथॉरिटी और सुपरटेक कंपनी के अधिकारियों की मिलीभगत से बने थे।
गौरतलब है कि इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी 11 अप्रैल 2014 को नियमों का उल्लंघन करने के कारण सुपरटेक कंपनी को दोनों टॉवर गिराने के आदेश दिए थे। इसके बाद घर खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 4 अगस्त को इन याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब से कुछ देर पर सुप्रीम कोर्ट ने ये ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।
input – daily bihar
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