ग्रामीण कार्य विभाग, दरभंगा अंचल के प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार पर शिकंजा कसना तय माना जा रहा है। थाने से जमानत लेने के बाद भी पूछताछ में अधीक्षण अभियंता ने उनकी गाड़ी और आवास से बरामद 67 लाख रुपये में कोई जानकारी पुलिस को नहीं दी। जांच एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि अधीक्षण अभियंता के पास इतनी मोटी रकम कहां से आई। जबतक इसका जवाब नहीं मिल जाता। तब तक जांच जारी रखने की बात कही जा रही है। इधर, दरभंगा के बहादुरपुर थाना के बरहेता रोड स्थित उनके किराये के आवास से रुपये के अलावा बरामद किए गए कई संपत्ति के दस्तावेज ने जांच के दायरे को बढ़ा दिया है। हालांकि, अब इस मामले को आर्थिक अपराध इकाई भी देख रही है।
कई भूखंड की रजिस्ट्री अलग-अलग नामों से कराई
मगर पुलिस भी इस पर काम कर रही है। लगभग दो दर्जन दस्तावेजों में कई जमीन, फ्लैट, सादा स्टाम्प पेपर आदि शामिल है। जिसे खंगाला जा रहा है। सूत्रों की माने तो अधीक्षण अभियंता सिर्फ सड़क ही नहीं बनाते थे। बल्कि, उन प्रमुख सड़कों को चिन्हित करते थे, जहां आने वाले दिनों में मार्ग के किनारे वाली भूमि के मूल्यों में उछाल आ सकता है। इसे देखते हुए उन्होंने कई भूखंड की रजिस्ट्री अलग-अलग नामों से कराई है। ऐसी स्थिति में उन तमाम नामों को खंगालने में जांच टीम जुटी है। मतलब साफ है कि अधीक्षण अभियंता के साथ-साथ कई रिश्तेदार और करीबी लोग भी जांच के रडार पर आ गए हैं। बता दें कि शनिवार को अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार स्कार्पियो गाड़ी से पटना जा रहे थे। इस बीच फकुली ओपी पुलिस ने वाहन चेङ्क्षकग दौरान उनकी गाड़ी से 18 लाख रुपये बरामद किए थे। इसके बाद पुलिस ने उनके दरभंगा आवास सहित पटना के दो घरों पर छापेमारी की थी। इस दौरान दरभंगा से 49 लाख रुपये के साथ लगभग दो दर्जन संपत्ति के दस्तावेज, डायरी, लैपटाप आदि बरामद किए गए थे।
दफ्तर में पसरा सन्नाटा
घटना के बाद से अधीक्षण अभियंता के दफ्तर में सन्नाटा पसरा है। जो कर्मी ड्यूटी पर आ रहे हैं उनके अंदर भी डर दिख रहा है। नाम न छापने के शर्त में एक कर्मी ने बताया कि इतना बड़ा मामला है, पता नहीं कब जांच टीम पहुंच जाए और उनसे सवाल कर दे। यह डर उन्हें सता रहा है। बहरहाल, जमानत लेने के बाद अधीक्षण अभियंता न तो बुधवार को अपने दफ्तर पहुंचे और न ही आवास। इस बीच अटकलों का दौर चलता रहा। कोई इस मामले को दबा देने की बात कह रहे थे तो कोई बड़ी कार्रवाई होने की आशंका व्यक्त कर रहे थे। परिणाम जो भी हो, फिलहाल कार्यालय का कार्य बाधित है।
आर्थिक अपराध इकाई के हवाले किया गया लैपटाप
अधीक्षण अभियंता के दरभंगा आवास जिस लॅपटाप को बरामद किया उसे आर्थिक अपराध इकाई पटना को सौंप दिया गया है। बताया गया कि लाक रहने के कारण इसे पुलिस नहीं खोल पाई। अब इसे तकनीकी सेल की मदद से आर्थिक अपराध इकाई खोलकर जांच करेगी। सूत्रों की माने तो इसके अंदर कई राज दबे हैं। जिसके ऑन होने से कई अन्य लोगों के नाम सामने आने की उम्मीद है।
input – DTW 24
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