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दरभंगा की यूनिवर्सिटी में नमाज-इफ्तार पर विवाद, ABVP ने सद्बुद्धि के लिए महायज्ञ किया

बिहार के दरभंगा में इफ्तार पार्टी को लेकर विवाद हो गया. यहां ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी कैंपस में नमाज के साथ इफ्तार पार्टी रखी गई थी. इस बात की जानकारी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं को हुई तो उन्होंने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया. मौके पर हंगामा होने से विश्वविद्यालय प्रशासन अलर्ट हो गया. इधर, ABVP कार्यकर्ताओं ने कुलपति और कुलसचिव के विरोध में सद्बुद्धि महायज्ञ किया.

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दरभंगा में यूनिवर्सिटी कैंपस में नमाज के साथ इफ्तार पार्टी का मामला अब तूल पकड़ने के साथ-साथ राजनीतिक भी होने लगा है. शनिवार को यूनिवर्सिटी कैंपस में ABPV कार्यकर्ताओं ने कुलपति और कुलसचिव के खिलाफ प्रदर्शन किया. संगठन के छात्रों ने कुलपति दफ्तर के पास सद्बुद्धि महायज्ञ का आयोजन कर हवन किया. यहां कुलपति और कुलसचिव की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की. छात्रों ने मंत्रोच्चारण के साथ पहले हवन कुंड में आहूति दी, इसके बाद कुलपति और कुलसचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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यूनिवर्सिटी के इस्लामीकरण का आरोप

छात्रों का कहना था कि यूनिवर्सिटी का इस्लामीकरण किया जा रहा है. इसी बात का विरोध किया जा रहा है. विरोध-प्रदर्शन में बीजेपी के अलावा बजरंग दल के कार्यकर्ता भी पहुंचे और ABVP को समर्थन दिया. यहां यूनिवर्सिटी कैंपस में जय श्री राम के खूब नारे लगाए गए.

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छात्रों का भविष्य अंधकार में

ABVP के जिला संयोजक हरिओम झा ने बताया कि यूनिवर्सिटी में छात्रों की परीक्षा हो गई है. उनका रिजल्ट महीनों बाद भी नहीं दिया जा रहा है. छात्रों का भविष्य अंधकार में है. कुलपति और कुलसचिव को छात्रों की समस्या पर बात करने का समय नहीं है. जबकि यूनिवर्सिटी में रोजा इफ्तार पार्टी कर जश्न मनाया जा रहा है, जो निहायत ही बेकार की बात है.

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हनुमान चालीसा पढ़ा, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन नहीं आया

हवन में शामिल युवा जिला अध्यक्ष बालेंदु झा ने बताया कि यूनिवर्सिटी शिक्षा का मंदिर है, इसे शिक्षा का मंदिर रहने दें. इसमें धार्मिक आयोजन नहीं हों. जिसने भी यह किया उसे सद्बुद्धि मिले. इसके लिए सब लोगों ने यज्ञ किया ताकि उनकी बुद्धि खुले. हम लोगों ने आज यहां हनुमान चलीसा पढ़ा, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन के लोग इसमें शामिल नहीं हुए. जबकि इफ्तार पार्टी में यही लोग शामिल हुए थे.

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खुद को मालिक समझ बैठे हैं कुलपति और रजिस्टार

बालेंदु ने कहा कि इससे यह साबित हो रहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इसे सांप्रदायिक चश्मे से देख रहा है. इसके खिलाफ आगे भी लड़ाई जारी रहेगी. कुलपति और रजिस्टार खुद को यूनिवर्सिटी कैंपस का मालिक समझ बैठे हैं, उन्हें जो मर्जी होती है, वह करते हैं.

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दरभंगा

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जब सरस्वती पूजा नहीं तो नमाज-इफ्तार क्यों?

बजरंग दल के राजीव मधुकर ने भी यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जमकर हमला बोला. मधुकर ने कहा कि यूनिवर्सिटी को एक धार्मिक रूप दिया गया. यहां नमाज और इफ्तार पार्टी की गई. यह एक सोची समझी साजिश है. जब यहां सरस्वती पूजा नहीं होती है तो नमाज और इफ्तार क्यों? मधुकर ने चेतावनी दी और कहा कि इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा. ABVP के साथ पूरा हिंदू समाज खड़ा है.

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यूपी की तरह दरभंगा का हाल होगा

उन्होंने कहा कि अगर ऐसा यहां मुस्लिम तुष्टिकरण की बात होगी तो यहां दुर्गा पूजा भी होगी. सरस्वती पूजा भी होगी और डांडिया भी होगा. अगर समय रहते नहीं चेते तो उत्तर प्रदेश की तरह दरभंगा में भी हाल देखने को मिलेगा

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