Patna : सस्पेंडेड प्रमोटी आईपीएस राकेश दुबे की काली कमाई की जांच आगे बढ़ने के साथ ही पूरा महकमा दंग रह गया है। हर नई जांच के साथ उसकी काली कमाई के नये किस्से सामने आ रहे हैं। फिलहाल तो यह बात सामने आई है कि राकेश दुबे ने पुलिस वर्दी की आड़ में की गई काली कमाई से बड़े-बड़े बिल्डरों को खड़ा कर दिया या फिर खुद ही खाकी के पीछे छिपकर बिल्डर बन गये। बिहार के सर्वाधिक विवादित बिल्डरों में से एक अनिल सिंह को इतना बड़ा बनाने में भी इसका बहुत बड़ा योगदान है। अनिल सिंह की कंपनी पाटलिपुत्र बिल्डर्स में इसने खूब पैसा लगाया। और देखते ही देखते अनिल सिंह कुछ ही वर्षों में बड़ा बिल्डर बन गया। आश्चर्य की बात यह है कि अनिल सिंह इन वर्षों में अन्यान्य कारणों से नीतीश कुमार सरकार की आंख की किरकिरी भी बना रहा।
अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि प्रवर्तन निदेशालय राकेश दुबे पर शिकंजा कसनेवाला है। वे अवैध बालू खनन के मामले में आरोपी हैं। और इसी मामले में इनके ठिकानों पर इसी माह छापे पड़े थे। आर्थिक अपराध इकाई ने राकेश दुबे पर मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये काले धन को सफेद करने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया है। दुबे पर पाटलिपुत्र बिल्डर्स समेत आधा दर्जन से ज्यादा रियल एस्टेट कंपनियों में अवैध रूप से पैसा लगाने का आरोप है। खास बात यह है कि ईडी पहले ही पाटलिपुत्र बिल्डर्स के मालिक अनिल कुमार के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज कर चुकी है। हाल ही में ईडी ने अनिल कुमार को गिरफ्तार किया था और रिमांड पर भी लिया था।
ऐसे में राकेश दुबे की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। पाटलिपुत्र बिल्डर्स के अलावा, आईपीसी इंफ्रास्ट्रक्चर, देवघर और रांची, कामिनी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा., ख्याति कंस्ट्रक्शन, मैक्स ब्लिफ, नोएडा (मालिक अजय शर्मा), बिल्डकॉन के साथ कई अन्य बिल्डरों पर भी अपनी कंपनियों में नकदी निवेश करने का आरोप साबित हो गया है। ईओयू के मुताबिक, राकेश दुबे के विभिन्न बिल्डरों के साथ व्यापारिक संबंध होने के सबूत मिल गये हैं।
ईओयू के मुताबिक, राकेश दुबे ने अवैध रूप से अर्जित करोड़ों रुपये ब्याज (ब्याज) पर भी निवेश किये हैं। फुलवारीशरीफ में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के पद पर पदस्थापन के दौरान दुबे को काफी जमीन खरीदने की जानकारी भी मिली है। यदि किसी लोक सेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई की जाती है और उसकी आय से अधिक संपत्ति 33 लाख से अधिक पाई जाती है तो ईडी मामला दर्ज कर जांच कर सकती है।
दुबे के परिसरों में छापेमारी के दौरान इस बात के भी सबूत मिले कि उनके द्वारा ख्याति कंस्ट्रक्शन के बैंक खाते में 25 लाख रुपये ट्रांसफर किये गये थे। ईओयू के अनुसार अब तक 2 करोड़ 55 लाख 49 हजार 691 रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित करने के साक्ष्य प्राप्त हुये हैं। दुबे ने अपने परिवार, दोस्तों, बिजनेस पार्टनर्स और अन्य लोगों के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये काले धन को सफेद करने की भी कोशिश की है।
इन खुलासों के बाद ईडी दुबे के खिलाफ पीएमएलए के तहत कार्रवाई भी कर सकती है। इसके पीछे तर्क यह है कि चूंकि उन पर एक बिल्डर की कंपनी में निवेश करने का आरोप है, जिसके खिलाफ ईडी पहले से ही कार्रवाई कर रही है।
input – daily bihar
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