प्लास्टिक का थैला लेकर आप आज से चले तो 500 रु. जुर्माना : पटना समेत पूरे बिहार में शुक्रवार से सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लग जाएगी। अब प्लास्टिक के थैले में समान लेकर चलने वालों से 500 रु. जुर्माना वसूला जाएगा। सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल से बने प्लेट, कटोरी, बैनर, छोटे-बड़े झंडे, पोस्टर, सजावट सहित अन्य सामग्री बेचने, भंडार करने और घर में रखने पर पकड़े जाने पर पांच साल की जेल, एक लाख रुपया जुर्माना या दोनों हो सकता है। 19 तरह के सिंगल यूज वाले प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लागू है। नगर निगम अधिकारी के मुताबिक नगर निगम के 75 वार्ड से हर दिन करीब 924 टन कूड़ा-कचरा निकलता है।
इसमें 10-12 टन सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल से बनी सामग्री का कूड़ा-कचरा निकलता है। शहर में बिक्री, यातायात और उत्पादन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। पटना नगर निगम शहरी क्षेत्र के मॉल, होटल, किराना दुकान, मीट-मुर्गा के दुकान, सड़क पर वेंडर सहित सभी वार्डों में सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल के खिलाफ अभियान चलाकर लोगों को पकड़ने के लिए टीम बनाई है। नगर निगम के अपर नगर आयुक्त शीला ईरानी जांच टीम का औचक निरीक्षण करेगी।
सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद होगा। लेकिन इससे प्लास्टिक कचरे की समस्या से मुक्ति नहीं मिलेगी। क्योंकि स्नैक्स, चिप्स, कॉफी, कैचअप सैशे इत्यादि प्रोडक्ट के प्लास्टिक अभी इस प्रतिबंध के दायरे से बाहर हैं। प्लास्टिक के कुल कचरे में 20% हिस्सा इन्हीं प्लास्टिक का है। जबकि सिंगल यूज प्लास्टिक वाले प्लास्टिक का उपयोग कुल प्लास्टिक कचरे का महज 1.5% ही होता है। सरकार ने एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी (ईपीआर) के तहत प्रोडक्ट मल्टी लेयर्ड पैकेजिंग यानी पानी की बोतल, स्नैक्स, चिप्स के पैकेट इत्यादि को प्रतिबंध से बाहर रखा है। प्लास्टिक का कचरा इस तरह की पैकेजिंग मैटेरियल से भी बढ़ता है। एक्सपर्ट के अनुसार 20 से 30 एमएम माइक्रोन वाली इन पैकेजिंग की रीसाइक्लिंग भी नहीं होती। नए नियमों के तहत तीन साल के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक की 30% रीसाइक्लिंग करनी होगी।
प्लास्टिक का थैला लेकर आप आज से चले तो 500 रु. जुर्माना : पटना समेत पूरे बिहार में शुक्रवार से सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लग जाएगी। अब प्लास्टिक के थैले में समान लेकर चलने वालों से 500 रु. जुर्माना वसूला जाएगा। सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल से बने प्लेट, कटोरी, बैनर, छोटे-बड़े झंडे, पोस्टर, सजावट सहित अन्य सामग्री बेचने, भंडार करने और घर में रखने पर पकड़े जाने पर पांच साल की जेल, एक लाख रुपया जुर्माना या दोनों हो सकता है। 19 तरह के सिंगल यूज वाले प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लागू है। नगर निगम अधिकारी के मुताबिक नगर निगम के 75 वार्ड से हर दिन करीब 924 टन कूड़ा-कचरा निकलता है।
इसमें 10-12 टन सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल से बनी सामग्री का कूड़ा-कचरा निकलता है। शहर में बिक्री, यातायात और उत्पादन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। पटना नगर निगम शहरी क्षेत्र के मॉल, होटल, किराना दुकान, मीट-मुर्गा के दुकान, सड़क पर वेंडर सहित सभी वार्डों में सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल के खिलाफ अभियान चलाकर लोगों को पकड़ने के लिए टीम बनाई है। नगर निगम के अपर नगर आयुक्त शीला ईरानी जांच टीम का औचक निरीक्षण करेगी।
प्लास्टिक कचरे का 5वां भाग मल्टी लेयर्ड पैकेजिंग, जो प्रतिबंध के दायरे से बाहर
सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद होगा। लेकिन इससे प्लास्टिक कचरे की समस्या से मुक्ति नहीं मिलेगी। क्योंकि स्नैक्स, चिप्स, कॉफी, कैचअप सैशे इत्यादि प्रोडक्ट के प्लास्टिक अभी इस प्रतिबंध के दायरे से बाहर हैं। प्लास्टिक के कुल कचरे में 20% हिस्सा इन्हीं प्लास्टिक का है। जबकि सिंगल यूज प्लास्टिक वाले प्लास्टिक का उपयोग कुल प्लास्टिक कचरे का महज 1.5% ही होता है। सरकार ने एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी (ईपीआर) के तहत प्रोडक्ट मल्टी लेयर्ड पैकेजिंग यानी पानी की बोतल, स्नैक्स, चिप्स के पैकेट इत्यादि को प्रतिबंध से बाहर रखा है। प्लास्टिक का कचरा इस तरह की पैकेजिंग मैटेरियल से भी बढ़ता है। एक्सपर्ट के अनुसार 20 से 30 एमएम माइक्रोन वाली इन पैकेजिंग की रीसाइक्लिंग भी नहीं होती। नए नियमों के तहत तीन साल के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक की 30% रीसाइक्लिंग करनी होगी।
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