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पटना पुलिस की दादागिरी, एफआईआर रिपोर्ट मांगने पर महिला को जमकर धमकाया, कहा- बाप को बुलाकर लाओ

PATNA-क्योंकि, पुलिस फ्रेंडली है…सोशल मीडिया पर एक वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो एक पीड़िता और सचिवालय थाना (पटना) सीपी गुप्ता के बीच नोकझोंक का है। वीडियो की समाप्ति पर बहस में एक महिला अधिकारी भी शामिल हुई, लेकिन उनका चेहरा नहीं दिख रहा। आवाज सुनाई दे रही है। अधिकारी फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रही हैं। थानेदार भी उन्हें मैडम कहकर संबोधित कर रहे हैं। मतलब कि ये उनसे उपर की अधिकारी हैं। वैसे, इस वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि मैं नहीं करता।

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चर्चा के अनुसार, सचिवालय के राजस्व विभाग में असिस्टेंट प्रीति कुमारी दफ्तर के बाद घर लौट रही थीं, तभी उचक्के ने उनका मोबाइल झपट लिया। इसकी शिकायत लेकर वह सचिवालय थाना पहुंची। उन्होंने लिखित शिकायत दी, लेकिन थाने का कर्मी रिसीविंग नहीं दे रहा था। इसकी वजह से पूरा बवाल मचा।

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वैसे, ऐसी चिल्लम चिल्ली आपको किसी भी थाने में देखने को मिल जाएगी। शिकायतकर्ता फरियाद की कॉपी लेने के लिए घूमता रहेगा और पुलिसकर्मी मां, बहन करते मिल जाएंगे। इसकी मुख्य वजह है कि थानों में मुंशी राज अब भी कायम है। टीवी पर क्राइम शो देख कानून की पढ़ाई पढ़ने वाली पब्लिक अब थाना पुलिस से डरती नहीं है और न ही रिश्वत देना चाहती है। मगर मुंशी तब तक टहलाता है, जब तक पीड़ित खुद न कह दे – सर, हम सेवा के लिए तैयार हैं, अब मत दौड़ लगवाइए। जैसा कि लोग बताते हैं, अब भी मोबाइल गुमशुदगी का रेट 300 रुपए ही है। इस महंगाई में भी इसका दर बरकरार है, क्योंकि झपट्टामारी की घटनाएं कम नहीं हो रहीं।

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थाने में आवेदन देने के साथ ही पावती यानी रिसीविंग मिल जाए, इसके लिए कई अफसरों ने प्रयास किया। मुझे याद है, तब पटना के आखिरी डीआईजी राजेश कुमार ने भी ऐसे नियम बनाए थे। पूर्व डीजीपी Gupteshwar Pandey ने भी जनता को परेशानी न हो, इसके लिए थानास्तर पर नकेल कसने का प्रयास किया था। दोनों ही अधिकारियों ने माना था कि आवेदन की रिसीविंग इसलिए नहीं मिल पाती है, क्योंकि थाने की स्टेशन डायरी अप टू डेट नहीं होती। ऐसा क्यों नहीं होता, इस पर बाद में चर्चा होगी, क्योंकि ये खेल करने का बड़ा जरिया है।

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जब फ्रेंडली पुलिसिंग का नमूना पेश करते इस वायरल वीडियो को लेकर सचिवालय अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी आईपीएस काम्या मिश्रा जी मीडिया ने प्रश्न पूछा तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। थाने में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। महिला, पुलिसकर्मियों से बदतमीजी कर रही थी और उनका वीडियो बना रही थी।

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