अहमदाबाद के प्रफुल्ल बिलोरे की पहचान आज एमबीए चायवाला के रूप में है. एमबीएम की पढ़ाई बीच में छोड़कर उन्होंने सड़क किनारे चाय का ठेला लगा लिया था. तमाम कोशिशों के बाद भी कैट में अच्छा स्कोर नहीं कर पाने वाले प्रफुल चाय की दुकान से लाखों कमा रहे हैं.
अहमदाबाद में एबीएम की पढ़ाई के साथ वह एक रेस्टोरेंट में पार्ट टाइम काम कर रहे थे. इस दौरान एक चाय वाले से बात करने के बाद उन्होंने तय किया कि वह चाय की टपरी खोलेंगे. पहले ही दिन वह जो दूध खरीदे थे वह खराब हो गया. फिर दूसरी चाय में चीनी ज्यादा हो गया. पहले दिन उनकी सिर्फ एक कप चाय बिकी.
लेकिन, धीरे-धीरे इनकी चाय की दुकान अच्छी चलने लगी. कुछ ही महीने में वह महीने के 15 हजार रुपये तक कमाने लगे. इस बीच उन्होंने एमबीए की पढ़ाई छोड़ दी. उनके माता-पिता ने इसका विरोध किया. लेकिन, प्रफुल एक अलग रास्ते पर चल चुके थे.
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अब प्रफुल की पहचान एमबीए चायवाला के रूप में हो गई है. प्रफुल को शादियों में चाय परोसने के लिए ऑर्डर मिलने लगे. 2 साल बाद प्रफुल ने अपना कैफे खोल लिया. अब उनकी पूरे भारत में फ्रेंचाइजी है. आईआईएम तक में उन्हें आमंत्रित किया जा चुका है.
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