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BPSC पर्चा लीक कांड का भंडाफोड़, परीक्षा पास कराने के ​नाम पर एक-एक बच्चे से लिया गया 8 लाख रुपया

एनआईटी पटना का पासआउट मास्टरमाइंड, 8-8 लाख में बेचा पीटी का पेपर…50 लाख में हुआ था मेन्स का सौदा : बीपीएससी परीक्षा लीक कांड का पटना पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जाता है कि पर्चा लीक मामले में बड़े—बड़े शातिर लोगों का हाथ था। इसमे कोई एनआइटी पटना से पास छात्र थे तो कोई सरकारी मास्टर था। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार छात्रों से क्वेश्चन पेपर के बदले जहां आठ—आठ लाख रुपए लिए गए थे। इतना ही नहीं मेंस पेपर के लिए 50 लाख रुपए लिए गए थे।

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बीपीएससी पीटी पेपर लीक की जांच कर रही ईओयू ने रविवार को मामले से जुड़े गैंग का पर्दाफाश कर दिया। गिरोह का सरगना पटना एनआईटी से ग्रेजुएट आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव है। पिंटू फरार है। एनआईटी के कुछ और छात्र इस गैंग के सदस्य हैं जिनकी तलाश चल रही है। ईओयू ने अब तक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। साथ ही परीक्षा में इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रॉनिक गजेट्स भी जब्त किए हंै। पेपर लीक कर उसका सही उत्तर देने के एवज में यह गिरोह अपने क्लाइंट (अभ्यर्थी) से मोटी रकम वसूलता है। सूत्रों के अनुसार बीपीएससी पीटी के लिए प्रति कैंडिडेट 7-8 लाख रु. लिए गए। वहीं मुख्य परीक्षा में रेट करीब 50 लाख हो जाता। गैंग के सदस्य के तौर पर कृषि विभाग, पटना में सचिवालय सहायक राजेश कुमार (39 वर्ष), निशिकांत कुमार राय (33 वर्ष), वैशाली के देसरी हाई स्कूल के शिक्षक कृष्ण मोहन सिंह (41 वर्ष) और सुधीर कुमार सिंह (40 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया है। कृष्ण मोहन ने ही आईएएस रंजीत कुमार सिंह को पेपर भेजा था। जिस मात्रा में उपकरण मिले हैं उससे साफ है कि ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या काफी अधिक होगी जिनसे डील हुई थी। एसपी सुशील कुमार के नेतृत्व वाली एसआईटी ने गैंग का खुलासा किया।

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पटना के लोहानीपुर में बना था कंट्रोल रूम
लोहानीपुर में गिरोह का कंट्रोल रूम पकड़ाया। जहां से परीक्षा के दिन प्रश्नों के उत्तर अभ्यर्थियों को भेज रहे थे। आनंद कुमार नाम के शख्स ने यह घर लिया था। छापे में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स व 2.92 लाख कैश मिले।

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